लखनऊ: कांग्रेसियों ने अपने कैंपेन मैनेजर प्रशांत किशोर (पीके) की पाठशाला में परेशान करने वाले सवाल पूछे हैं। आगामी चुनाव की रणनीति बनाने लखनऊ पहुंचे पीके का पहला सामना यूपी यूथ कांग्रेस के सवालों से हुआ।
-लखीमपुर से आए विपुल गुप्ता ने कहा- प्रशांत जी आप बताइए कि 30 साल से सत्ता में दूर रहने के बाद हमारे पास कोई चेहरा नहीं बचा।
-जब हम फील्ड में जाते हैं तो हम लोगों को से क्या कहें? कौन हमारा नेता होगा? वह लोगों के लिए क्या काम करेगा? दूसरी पार्टियों में ऐसा नही है। सपा-बसपा में सीएम कैंडिडेट पहले से पता है।
बदायूं से आए योगेश शर्मा ने कहा- हमें जल्द से जल्द मौर्या, ब्राह्मण या मुस्लिम समुदाय से किसी को अपना सीएम कैंडिडेट घोषित करना होगा। ताकि हम उस समुदाय और जाति में अपनी पकड़ बना सकें।
प्रियंका का जिक्र नहीं
-यूथ कांग्रेस की इस मीटिंग में सीएम के चेहरे की बात तो हुई, लेकिन जब नाम की बात आई तो किसी भी वर्कर ने प्रियंका गांधी का जिक्र तक नहीं किया। नई उम्र के नेता भी सभी तरह के जातीय समीकरण ध्यान में रखकर ही अपनी आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं।
बता दें, कई सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस कैडर की टोह लेने के लिए पीके दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आएं हैं। गुरुवार को वह यूपी यूथ कांग्रेस के प्रदेश भर के नेताओं से बात कर रहे थे।
'एनआईए अधिकारी तंजील की हत्या को बीजेपी ने भुनाया'
नगीना लोकसभा के अध्यक्ष सबाउद्दीन ने कहा- हमारे क्षेत्र में ही एनआईए अधिकारी तंजील की हत्या हुई, मामले की जानकारी पाकर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एलके बाजपेयी तुरंत पहुंच गए। लेकिन हमारी पार्टी का कोई नेता नहीं गया। इससे वहां के लोगों में बहुत नाराजगी है।
लाठी खा सकते हैं तो विधायक भी बन सकते हैं
-लखीमपुर के विपुल गुप्ता ने कहा- टिकट बांटने में ही सबसे ज्यादा ध्यान देने की बात है। टिकट कुछ ऐसे लोगों को भी मिल जाता है, जिनका चलना, उठना, बैठना तक मुश्किल रहता है।
-ऐसे में वह फील्ड पर जाकर कौन सी राजनीति करेंगे। जब हम दिल्ली, लखनऊ जाकर लाठी खा सकते हैं तो विधायक भी बन ही सकते हैं।
बिना ऊपर से पैसा लिए दिए जाएं टिकट
लम्भुआ से आए एक नेता ने तो कांग्रेस की नीतियों पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा- इस बार उपर से बिना पैसा लिए टिकट कर्मठ और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाए।