Basti News: बस्ती जिले में रसोईया ने बीएसए पर लगाया छेड़खानी का आरोप, कहा- शराब के नशे में आए थे जांच करने
Basti News: पीड़िता ने आरोप लगाया कि मैं अपनी लड़कियों के साथ कस्तूरबा विद्यालय में रहती हूं और खाना बनाती हूं। बीएसए जांच के नाम पर रसोई में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया।
Basti News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) लाख दावा कर रहे हैं कि महिलाएं सुरक्षित हैं। लेकिन कहीं ना कहीं उन्ही के अधिकारी महिलाओं के साथ छेड़खानी कर रहे हैं। ऐसे में योगी सरकार की छवि भी उन्हीं के अधिकारी खराब कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि ऐसे में जिले के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कौन करेगा, सिस्टम के लोग मामले को दबाने में लगे हैं।
ताजा मामला बस्ती के एक कस्तूरबा विद्यालय की रसोइया ने बीएसए पर अपनी और अपनी बेटी के साथ शराब के नशे में छेड़खानी का आरोप लगाया है। पीड़िता ने आईजीआरएस के मध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
रसोई में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया- पीड़िता
पीड़िता ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं अपनी लड़कियों के साथ कस्तूरबा विद्यालय में रहती हूं और खाना बनाती हूं। 12 जुलाई को बीएसए रात में 9.15 बजे आए जांच और जांच के नाम पर रसोई में घुस गए और दरवाजा बंद कर लिया। मैंने विरोध किया और मेरी लड़की दरवाजा खुलवाने लगी, दरवाजा खोला तो लड़की के साथ भी अभद्रता करने लगे। शिकायती पत्र में महिला ने बीएसए पर शराब में धुत होने का आरोप लगाया है।
वहीं इस मामले पर बीएसए ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि जो भी आरोप महिला ने लगाए हैं वो सब निराधार हैं। मैं कस्तूरबा विद्यालय जांच करने के लिए गया था लेकिन अंदर नहीं गया। बाउंड्री के पास कुर्सी लगा कर बैठा था मेरे पास वीडियो रिकॉर्डिंग है जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।
जांच कमेटी गठित की गई
फिलहाल मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला अधिकारी बस्ती प्रियंका निरंजन (District Officer Basti Priyanka Niranjan) ने जांच कमेटी गठित कर दी है। सीआरओ की अध्यक्षता में मामले की जांच चल रही है। लेकिन बड़ा मामला होने के नाते मीडिया को कैमरे पर बयान देना उन्होंने उचित नहीं समझा। जिला अधिकारी बस्ती ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मैं कुछ बोलूंगी। वहीं शासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए के खिलाफ शासन से भी जांच बैठ गई है। कहीं न कहीं सरकार का दावा महिलाओं के प्रति कागजों में सिमट कर रह गई है।