गांव-गांव में हो रहा कोविड मेडिकल चेकअप और टेस्ट,पुलिस के सहयोग से कार्य में आई तेजी
ग्रामीण क्षेत्रों में आज पुलिस द्वारा मेडिकल चेकअप कैंप का आयोजन किया गया। इस दौरान 245 से ज्यादा गांव वासियों के मेडिकल चेकअप किए गए।
गाजियाबादः ग्रामीण क्षेत्रों में आज पुलिस द्वारा मेडिकल चेकअप कैंप (Medical checkup camps) का आयोजन किया गया। इस दौरान 245 से ज्यादा गांव वासियों के मेडिकल चेकअप किए गए। जिन ग्रामीणों को आवश्यकता थी,उन्हें पुलिस द्वारा कोविड मेडिकल किट उपलब्ध कराई गई। कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा गांव गांव जाकर मेडिकल चेकअप कराने के लिए स्वास्थ्य विभागों को निर्देशित किया गया था। इस कार्य में अब पुलिस का सहयोग मिलने से,गांव में मेडिकल चेकअप कराने से लेकर मेडिकल किट वितरित करने का काम और आसानी से हो पाएगा।
बता दें कि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब से लगातार इस तरह के मेडिकल कैंप ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए जाते रहेंगे।ताकि गांवों में संक्रमण के पैर पसारने से पहले जरूरी कदम उठाए जा सकें।वहीं ग्रामीण इलाकों के पुलिसकर्मियों का भी अलग-अलग जगह पर लगे कैम्प में चेकअप किया गया।
बुधवार को लगाए गए कैंप में भोजपुर और फरीद नगर गांव के ग्रामीणों के मेडिकल चेकअप किए गए।इससे पहले स्वास्थ्य विभाग भी इस कार्य को कर रहा था।लेकिन कार्य में तेजी नहीं आ रही थी।लेकिन पुलिस द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ लगाए गए कैंप में मेडिकल चेकअप काफी तेजी से हो पाए हैं। वही पुलिस अधिकारियों का कहना है कि निवाड़ी भोजपुर और मोदीनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे पुलिसकर्मियों का भी चेकअप किया गया,और जरूरत के मुताबिक मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी।
डीएम ने मीटिंग में लिया गया था जरूरी फैसला
आपको बता दें,कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मेडिकल चेकअप करने और मेडिकल किट उपलब्ध कराने को लेकर,बीते हफ्ते डीएम ने मीटिंग की थी।मीटिंग में सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।इस बात को भी कहा गया था कि जो लोग होम आइसोलेशन में है, वह प्रशासन की हेल्पलाइन पर संपर्क करके अपनी जानकारी दे सकते हैं। और अगर उन्हें मेडिकल किट की आवश्यकता है, तो उन्हें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।मेडिकल किट उपलब्ध कराने से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल चेकअप और टेस्ट करवाना इसलिए भी जरूरी है, ताकि गांव में संक्रमण की रफ्तार गति ना पकड़ जाए।रोजाना एवरेज मेडिकल चेकअप और टेस्ट की बात करें,तो अलग-अलग गांव में इनकी संख्या करीब 100 या उससे ज्यादा होने की बात कही गई है।