कोरोनावायरस ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की कमर तोड़ी, अब तक 1.30 मिलियन रुपए का नुकसान

कोरोना महामारी के चलते देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है।

Written By :  Shashwat Mishra
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-05-30 18:22 IST

लखनऊ के प्रतिष्टित होटल एवं रेस्टोरेंट के मैनेजर पंकज चौहान (फोटो-साभार सोशाल मीडिया)

लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। केंद्र सरकार व राज्य सरकारें मिलकर इस बीमारी से लड़ने में जुटी हुई हैं। प्रदेशों में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया को भी तेजी से अंजाम दिया जा रहा है। लेकिन, इस महामारी की वजह से कई सारे सेक्टर्स को खासा नुकसान झेलना पड़ा है। देश में पिछले साल से ही हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन उद्योग काफी नुकसान में है। इस सेक्टर के जरिए करीब 9 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है और यह जीडीपी में लगभग 10 फीसदी योगदान देती है।

अब तक 1.30 लाख करोड़ का हो चुका है नुकसान

होटल और रेस्टोरेंट यानी हॉस्पिटैलिटी सेक्टर एक ऐसा उद्योग क्षेत्र है, जिस पर कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। 'न्यूज़ट्रैक' ने इस क्षेत्र में हुए नुकसान पर हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के जाने-माने शख़्स व लखनऊ के प्रतिष्टित होटल एवं रेस्टोरेंट के मैनेजर 'पंकज चौहान' से बातचीत की। पंकज चौहान ने बताया कि उन्होंने 'कोरोना की पहली लहर के साथ काफी देर से होटल और रेस्टोरेंट खोलने शुरू हुए ही थे कि दूसरी लहर में इस उद्योग को फिर अपनी चपेट में ले लिया। इस तरह कोरोना महामारी फैलने के बाद विगत 14 महीनों में देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को सबसे ज्यादा घाटा उठाना पड़ा।'

उन्होंने आगे बताया कि 'यह नुकसान अब तक 1.30 लाख करोड़ से ज्यादा का हो चुका है और करीब 30 प्रतिशत रेस्टोरेंट और होटल घाटा सहन नहीं कर पाने के कारण बंद पड़ गए हैं। करीब 20 प्रतिशत और बढ़ते नुकसान वितरण बंदी के कगार पर पहुंच रहे हैं। शेष 50 प्रतिशत भी जैसे-तैसे घाटे में चलेंगे।

सरकार की तरफ से नहीं मिली कोई भी मदद

पंकज चौहान ने बताया कि कोरोना वायरस की पहली व दूसरी लहर को मिलाकर अब तक 14 महीने बीत चुके हैं, लेकिन सरकार की तरफ से इस सेक्टर के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि 'सरकार की तरफ से गत 14 महीने में कोई भी मदद नहीं मिली। लाइसेंस के नाम पर प्रतिबंध 10 से 15 लाख सरकार द्वारा वसूला जाता है। मंदी की वजह से होटल कारोबारी बैंकों के डिफाल्टर बन रहे है। कोरोना संकट के कारण बढ़ते नुकसान और पूंजी की कमी से संपूर्ण हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म उद्योग बहुत ही खराब स्थिति में हैं।'

लगभग 9 करोड़ को उपलब्ध कराता है रोजगार

पंकज ने देश की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र के योगदान का बखान करते हुए बताया कि 'यह जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत योगदान के साथ देश में लगभग 9 करोड़ रोजगार उपलब्ध कराता है।'

उन्होंने कहा कि 'हम अपने 9 करोड़ साथियों के साथ अपने देश के साथ खड़े हैं। लेकिन, गत 14 महीनों में इस सेक्टर के साथ बहुत अनदेखी हुई है और आशा करते हैं कि ऐसा आगे ना हो।'

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