Lucknow Video Viral: नीचे लेटे फेफड़े के मरीज... ऊपर धूल झाड़ रहे कर्मचारी', लखनऊ के KGMU में कर्मचारियों की लापरवाही का वीडियो हुआ वायरल

Lucknow Video Viral: KGMU के रेस्पिरेटरी वार्ड का है, जहां रेस्पिरेटरी वार्ड में बुजुर्ग महिला मरीज बेड पर लेटे हुए हैं। वहीं, अस्पताल के कर्मचारी के भर्ती मरीजों के बीच में ही जाकर पंखा साफ करने में जुटे हुए हैं।;

Update:2025-01-31 13:48 IST

Lucknow News Today Video Viral KGMU Hospital( Photo- Social Media )

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों में दिख रही बदहाली और कर्मचारियों की लापरवाही से जुड़े अनेकों मामले सामने आते रहते हैं। इन्हीं मामलों के बीच लखनऊ के केजीएमयू में अव्यवस्थाओं और कर्मचारियों की लापरवाही से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, शुक्रवार को लखनऊ के KGMU का एक वीडियो सोशल मीडिया और वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को लेकर बताया जा रहा है कि अस्पताल के वार्ड में फेफड़े की बीमारी से ग्रसित बुजुर्ग मरीज नीचे लेटे हैं। वहीं, अस्पताल के कर्मचारी उनके ऊपर ही पंखों की सफाई करके मरीजों पर धूल उड़ा रहे हैं।

KGMU के रेस्पिरेटरी वार्ड का बताया जा रहा वीडियो

बताया जाता है कि ये पूरा मामला KGMU के रेस्पिरेटरी वार्ड का है, जहां रेस्पिरेटरी वार्ड में बुजुर्ग महिला मरीज बेड पर लेटे हुए हैं।

वहीं, अस्पताल के कर्मचारी के भर्ती मरीजों के बीच में ही जाकर पंखा साफ करने में जुटे हुए हैं। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया और तेजी के साथ वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो को लोग सोशल मीडिया पर तेजी के साथ शेयर करते हुए दोषी कर्मचारियों और उन्हें सफाई का आदेश देने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

रेस्पिरेटरी वार्ड में भर्ती होते हैं फेफड़े की बीमारी से ग्रसित मरीज

आपको बताते चलें कि KGMU के रेस्पिरेटरी वार्ड में लंग्स की बीमारी के मरीज भर्ती होते हैं, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल होते हैं। लंग्स की बीमारी वाले मरीजों के लिए धूल, धुंआ आदि काफी हानिकारक माना जाता है। इन सबके बावजूद KGMU के बेपरवाह कर्मचारियों द्वारा फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के बीच जाकर उन्हें धूल के जरिये और बीमारी में धकेलने का वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा होता है।

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