Coronavirus: CM योगी ने कहा, अगले 2-3 दिन में एक भी कोरोना का केस नहीं होगा

Coronavirus: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतरीन प्रबन्धन कोरोना से बचाव के लिए एक अहम हथियार है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-06-15 18:05 GMT

Coronavirus: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेहतरीन प्रबन्धन कोरोना से बचाव के लिए एक अहम हथियार है। उत्तर प्रदेश में टीम वर्क ने यह साबित करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि 23 व 24 अप्रैल के बीच में लखनऊ में ही 6,200 पाॅजिटिव केस आये थे। आज इनकी संख्या 19 पर पहुंच गयी है। 19 जनपद ऐसे हैं, जहां एक भी पाॅजिटिव केस नहीं है। 45 जनपद ऐसे हैं, जहां सिंगल डिजिट में पाॅजिटिव केस आये हैं। कुछ जनपद ऐसे हैं जहां केवल एक पाॅजिटिव केस आया है। अगले 2-3 दिन के अन्दर इन जनपदों में एक भी कोरोना का केस नहीं होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कोविड-19 लक्षणयुक्त 18 वर्ष आयु तक के बच्चों हेतु निःशुल्क दवाई किट उपलब्ध कराने के कार्य का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने दवाई वितरण वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि जब दुनिया व देश के कई राज्य कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं, तब देश का सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश कोरोना महामारी की द्वितीय लहर को पूरी तरह नियंत्रित करने में काफी निकट है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की सम्भावना विशेषज्ञों ने व्यक्त की है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने व्यापक कार्ययोजना के साथ तीसरी लहर के दृष्टिगत पूरी तैयारी शुरु कर दी है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वाॅरियर्स ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


उन्होंने कहा कि इन्सेफेलाइटिस का सफलतापूर्वक समाधान करने का कार्य रहा हो या कोरोना महामारी पर नियंत्रण करने का, उत्तर प्रदेश का यह माॅडल देश-दुनिया के सामने है। तीसरी लहर की आशंका ऐसे समय में व्यक्त की जा रही है, जब बारिश के कारण तमाम प्रकार की बीमारियां आती हैं। कोरोना जैसी महामारी हो या जलजनित व विषाणु जनित बीमारियां हों, इन सभी को नियंत्रित करने में स्वच्छता का विशेष महत्व है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर को रोकने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है, जिसमें पहले चरण में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, फाॅगिंग व शुद्ध पेयजल को रखा गया है। 12 से 18 वर्ष के बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है, जो शीघ्र ही उपलब्ध हो जाएगी। दूसरे चरण में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए अभिभावक स्पेशल बूथ के माध्यम से वैक्सीनेशन का कार्य किया जा रहा है। तीसरे चरण के अन्तर्गत प्रदेश के सभी मेडिकल काॅलेजों में 100 बेड के पीकू निर्माण की कार्यवाही युद्धस्तर पर की जा रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि चैथे चरण के अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के कोविड-19 के लक्षणयुक्त बच्चों को 04 वर्गाें (0-1 वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष तथा 12-18 वर्ष) में विभाजित किया गया है। प्रत्येक वर्ग हेतु अलग-अलग प्रकार की मेडिसिन किट तैयार की गयी है। इस कार्यक्रम के माध्यम से 50 लाख से अधिक बच्चों को निःशुल्क मेडिसिन किट वितरित की जा रही हैं।


मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों से आह्वान किया है कि वे गांव-गांव, डोर-टू-डोर सर्वे करें तथा लक्षणयुक्त व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 72,000 से अधिक निगरानी समितियां कार्य कर रही हैं। इन सभी निगरानी समितियों से जुड़ी आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकत्र्री, ए0एन0एम0, ग्राम प्रधान और राजस्व विभाग के कर्मी प्रशंसा के पात्र हैं, जिन्होंने गांवों को कोरोना मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ और नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश के कार्यों की सराहना की है।


डिप्टी सीएम डाॅ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 1,000 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध करायी गयी। प्रदेश में सभी मेडिकल काॅलेजों में आॅक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किये जा रहे हैं। पोस्ट कोविड काॅम्प्लीकेशन्स के मरीजों के लिए भी निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में 3 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट प्रतिदिन किये जा रहे हैं। इसमें भी 65 प्रतिशत से अधिक टेस्ट गांवों में हो रहे हैं।


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