वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया जा रहा है, जवाब दें : UP सरकार से HC

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार से पूछा है कि प्रदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।

Update: 2017-11-21 14:54 GMT

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार से पूछा है कि प्रदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका पर सुनवाई 23 नंवबर को नियत की है।

दरअसल, कोर्ट ने पिछले साल ही सरकार को प्रदूषण रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए थे। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मंगलवार को उक्त आदेश के सरकार द्वारा अनुपालन के संबंध में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अब्दुल मोईन ने अजमल खान की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

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याचिका दायर कर मांग की गई थी कि वायु प्रदूषण रोकने के लिए सरकार नियम-कायदे बनाए और उसका कड़ाई से पालन करवाए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा था।

इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में लखनऊ नगर निगम की सीमा के भीतर और दूसरे अधिक जनसंख्या वाले इलाकों में रैलियों और रोड शोज के लिए आने वाले वाहनों पर रोक लगाने के भी आदेश दिए थे।

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अखबारों में नगर निगम के दस अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर का प्रकाशन कराने को कहा था। जिनसे लोग कूड़ा हटाए जाने का अनुरोध कर सकें। इसके साथ ही धुंध के संबंध में विशेषज्ञों की राय लेकर प्रदुषण से निजात पाने के बावत कार्रवाई करने को कहा था।

कोर्ट ने विस्तृत आदेश देते हुए पेड़ों की कटाई पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को सुनवाई के दौरान मुख्य स्थाई अधिवक्ता द्वारा सरकार से निर्देश प्राप्त करने के लिए पांच दिनों का समय दिए जाने की मांग की गई। हालांकि, कोर्ट ने प्रदुषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए, मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय कर दी।

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