सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत चार को सजा, हड़पी थी अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स की छात्रवृत्ति

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार (22 फरवरी) को अस्तित्व विहीन वि़द्यालय के जरिए अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति हड़पने के एक मामले में कानपुर की तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बंसती तिवारी को चार साल की सजा सुनाई है। विशेष जज महेंद्र प्रसाद चौधरी ने आरोपित पर 40 हजार का जुर्माना भी ठोका है।

Update:2017-02-22 21:53 IST
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लखनऊ: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार (22 फरवरी) को अस्तित्व विहीन वि़द्यालय के जरिए अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति हड़पने के एक मामले में कानपुर की तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी बंसती तिवारी को चार साल की सजा सुनाई है। विशेष जज महेंद्र प्रसाद चौधरी ने आरोपित पर 40 हजार का जुर्माना भी ठोका है।

कोर्ट ने इस मामले में अस्तित्व विहीन विमला प्राइमरी स्कूल के प्रबंधक गिरिजा शंकर शुक्ला को 06 साल की सजा और 60 हजार रुपए जुर्माना, स्कूल की कोषाध्यक्ष अरुणा शुक्ला को 04 साल की सजा और 50 हजार रुपए जुर्माना, एक अन्य मुल्जिम अशोक कुमार को 03 साल की सजा और 20 हजार रूपए के जुर्माने से दंडित किया है।

सीबीआई के लोक अभियोजन अजय पाल के मुताबिक, साल 1996-97 के दौरान मुल्जिमों ने आपसी सांठ-गांठ से अस्तित्व विहीन स्कूल के जरिए अनुसूचित जाति के 171 छात्र-छात्राओं का 31 हजार 500 रुपए हड़प लिया।

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सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कोर्ट में किया सरेंडर, बेल पर रिहा

लखनऊ: 27 साल पुराने एक क्रिमिनल केस में लंबे समय से गैर हाजिर चल रहे मुल्जिम रविदास मेहरोत्रा ने बुधवार (22 फरवरी) को कोर्ट में आत्म समर्पण कर दिया और फिर जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की।

एसीजेएम ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने जमानत अर्जी मंजूर करते हुए मुल्जिम रविदास मेहरोत्रा को 20 हजार की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया।

अभियेाजन के मुताबिक, 03 सितंबर, 1988 को सैय्यद मोदी हत्याकांड मामले में पूर्व विधायक डा. संजय सिह को सीबीआई ने पूछताछ के लिए नवल किशोर रोड स्थित अपने दफ्तर में बुलाया था।

जहां रविदास मेहरोत्रा के समर्थक और जनमोर्चा के करीब 100 कार्यकर्ता भी पहुंच गए। जैसे ही डॉ. संजय की गिरफ्तारी की जानकारी हुई भीड़ उत्तेजित होकर नारेबाजी करने लगी। पुतला भी जलाने लगे। रास्ता जाम हो गया। जिससे जनसाधारण में रोष व्याप्त हो गया। शांतिभंग की आशंका में कई लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया गया। एसआई एसपी पांडेय ने इस मामले की एफआईआर थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी।

20 अक्टूबर, 1988 को पुलिस ने इस मामले में रविदास मेहरोत्रा और अचल मेहरोत्रा समेत आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। अन्य मुल्जिमों में श्रीराम लखन लोधी, वृंदा सिंह, दयानंद यादव, गणेश अग्रवाल, बाबूलाल और अरुण कुमार मिश्रा का नाम शामिल है।

बीते 08 फरवरी को कोर्ट ने अचल मेहरोत्रा को छोड़कर अन्य सभी मुल्जिमों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।

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रिश्वत लेने के आरोपी बैंक मैनेजर को पांच साल की सजा, एक लाख रुपए जुर्माना

लखनऊ: सीबीआई की एक विशेष अदालत ने बुधवार (22 फरवरी) को केसीसी लोन पास करने के एवज में रिश्वत लेने वाले इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन मैनेजर दिलीप कुमार सोनी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने श्रावस्ती के हेमपुर ब्रांच में तैनात रहे मैनेजर दिलीप कुमार सोनी पर एक लाख का जुर्माना भी ठोका है। विशेष जज संजीव शुक्ल ने इस मामले में मुल्जिम विमल सिंह को भी पांच साल की सजा और एक लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।

सीबीआई के लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह कहना था कि मुल्जिमों के खिलाफ हरिओम शुक्ला ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक, मुल्जिम एक लाख 90 हजार का केसीसी लोन पास करने के एवज में उससे 18 हजार की रिश्वत मांग रहे थे। 19 दिसंबर, 2012 को सीबीआई ने रिश्वत की रकम के साथ मुल्जिमांे को रंगे हाथ अरेस्ट किया था।

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