आलू से भले ही सोना न निकले हुजूर, गोबर को आप सोना समझ सकते हैं

कुछ समय पहले एक राजनेता के आलू से सोना बनाने वाले बयान पर काफी हो हल्ला मचा था। लेकिन लखनऊ में गोबर को सोना बना दिया गया है। आपको बता दें, पशुओं के गोबर का निस्तारण करने का एक अनूठा तरीका खोज निकाला है लखनऊ ​नगर निगम ने। कान्हा उपवन में लगभग 1050 गोवंश के गोबर का निस्तारण करना ​बहुत ही मुश्किल काम ​है।

Update:2019-03-04 13:55 IST

लखनऊ : कुछ समय पहले एक राजनेता के आलू से सोना बनाने वाले बयान पर काफी हो हल्ला मचा था। लेकिन लखनऊ में गोबर को सोना बना दिया गया है। आपको बता दें, पशुओं के गोबर का निस्तारण करने का एक अनूठा तरीका खोज निकाला है लखनऊ ​नगर निगम ने। कान्हा उपवन में लगभग 1050 गोवंश के गोबर का निस्तारण करना ​बहुत ही मुश्किल काम ​है। हाथ से लटृठे बनाने में काफी समय लगता है इसको देखते ​हुए नगर निगम ने एक प्रयोग किया और मशीन लगवा दी। प्रयोग सफल भी रहा और इतना सफल रहा कि प्रतिदिन पांच क्विंटल लटृठा तैयार हो जा रहा है। ​अब इस प्रयोग को हर गो—संरक्षण और पशुपालन केंद्रों में लगाए जाने की योजना को लागू करने की बात चल रही है।

श्मशान घाटों में इन लट्ठों का उपयोग कर लगभग चालिस ​फीसद ​लकड़ी को बचाया जा स​कता जिससे पेड़ों की ​कटाई कम हो सके और पर्यावरण को बचाया जा सके।

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अपर नगर आयुक्त ​अनिल कुमार ने जानकारी दी देते हुए कहा, यह मशीन ग्रामीणों के लिए रोजगार का एक अच्छा साधन ​भी ​​है। राजधानी लखनऊ में जानकीपुरम के लक्ष्मण गोशाला और जरहरा स्थित नई गोशाला राधा उपवन में भी ये मशीनें लगाई जायेंगी। जिन शहरों में नये कन्हा उपवन खोले जायेंगे उनके लिए ये वरदान साबित होगा। जबकि सरकार ने हर शहर में एक गोशाला खोलने का निर्णय लिया है।

बाटी चोखा ने छोटे बड़े होटलों या ठेलों से लेकर शहर के रेस्टोरेंट तक में अपनी जगह बना ली है। सबको इसका स्वाद पता ​ही है और ये भी पता ​​है कि बाटी चोखा का असली स्वाद शुद्ध गोबर के कड़े पर ही बनकर तैयार होता है। ऐसे में लट्ठों की खपत यहाँ काफी हो सकती है जो रोजगार भी देंगे।

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बढ़ती ​हुई शहरी आबादी केे कारण गोबर का कंडा मिलना बहुत मुश्किल ​होता है। जिसके कारण किसी के निधन पर घर के बाहर जलाने के लिए कंडा ​नहींं मिलता। इस योजना से ​शहर में हर जगह कंडे मिलना आसान हो जायेगा। ​नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद राव कहते है कि कान्हा उपवन की गायों का गोबर शुद्ध होता है क्योंकि गायें केवल चारा ​और भूसा ही खाती हैं बारिश के मौसम के बाद ​काम में तेजी आयेगी ​​प्रत्ये​क दिन एक ट्रक गोबर के लट्ठे तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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