अपहरण करने वाला निकला बच्चे का मामा, मांगी 20 लाख की फिरौती
बाराबंकी पुलिस ने आज एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व नगर कोतवाली इलाके से अपहृत 10 वर्षीय बच्चे की सकुशल बरामदगी कर ली है । पुलिस के मुताबिक यह बच्चे नगर कोतवाली के सफेदाबाद इलाके के एक स्कूल में पढ़ाई करता था और इसका अपहरण स्कूल जाते समय कर लिया गया था ।
बाराबंकी: चाहे मामा कंस हो, शकुनि हो या फिर मामा माहिल। यह इतिहास के कुछ ऐसे नाम है जिन्होंने अपने ही भान्जे का सर्वनाश करने का बीड़ा उठा रखा था। यह अलग बात है कि वह इस काम में ज्यादा सफल नही हो सके मगर इतिहास आज ऐसे मामा को याद जरूर करता है।
मामा-भान्जे के रिश्ते को तार -तार करने वाला ताज़ा मामला बाराबंकी का है जहाँ एक मामा ने अपने ही भान्जे का अपहरण कर लिया और उसकी वापसी के लिए अपनी ही बहन से 20 लाख की फिरौती की माँग भी कर ली। पुलिस की तत्परता से जहाँ भांजा सकुशल अपने माता - पिता को वापस मिल गया वहीं इस काम में मामा का सहयोग करने वाले उसके दो सहयोगियों को भी पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस की इस कार्यवाई से बच्चे के माता पिता ने राहत की सांस जरूर ली है।
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बाराबंकी पुलिस ने आज एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कुछ दिनों पूर्व नगर कोतवाली इलाके से अपहृत 10 वर्षीय बच्चे की सकुशल बरामदगी कर ली है । पुलिस के मुताबिक यह बच्चे नगर कोतवाली के सफेदाबाद इलाके के एक स्कूल में पढ़ाई करता था और इसका अपहरण स्कूल जाते समय कर लिया गया था ।
मामला संज्ञान में आते ही पुलिस की तत्परता से यह बच्चा अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया जा सका । इस काम में बाराबंकी पुलिस के साथ लखनऊ और हरदोई की 3 जिले की पुलिस को भी लगना पड़ा । तब जाकर बच्चे की सकुशल वापसी हो सकी ।
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इस मामले में बच्चे की माँ ने बताया कि उनके बच्चे का अपहरण स्कूल जाते समय कर लिया गया था और उनसे बच्चे को छोड़ने की कीमत के रूप में 20 लाख रुपये की फिरौती माँगी जा रही थी। बच्चे की माँ ने बताया कि जिस गाड़ी से अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया वह गाड़ी उसके मामा की थी और ड्राइवर भी उसके मामा का ही था जो बहला फुसला कर बच्चे को अपने साथ ले गया ।
गाड़ी और ड्राइवर उसके मामा की होने के कारण बच्चा बड़ी आसानी से उनके साथ चला गया । जिसके बाद उन्हें फोन करके 20 लाख रुपये की फिरौती माँगी जा रही थी ।
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इस मामले का खुलासा करते हुए बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक आर.एस. गौतम ने बताया कि थाना फतेहपुर के नहरवल निवासी धर्मेन्द्र कुमार ने 15 जुलाई को नगर कोतवाली पुलिस को सूचना दी थी कि उनके 10 वर्षीय बेटे आरुष का स्कूल जाते समय अपहरण कर लिया गया है और उनसे 20 लाख रुपये की फिरौती माँगी जा रही है ।
धर्मेन्द्र कुमार की सूचना पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जिले के कई थानों की पुलिस की टीम बना कर बच्चे की बरामदगी के प्रयास शुरू कर दिए ।बाराबंकी पुलिस को इस काम में जनपद लखनऊ और हरदोई पुलिस का भी सहयोग मिला । अन्ततः पुलिस ने हरदोई के बांगरमऊ से बच्चे की सकुशल बरामदगी कर ली ।
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इसमें बच्चे के अपहरण में सहयोग करने वाले दिलीप तिवारी और आलोक श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया । इन दोनों ने ही बच्चे के मामा को फोन और सिम उपलब्ध करवाया था । पुलिस ने इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन और कई सिम कार्ड को बरामद किया है ।