लखनऊ: बीजेपी से निष्कासित नेता दया शंकर सिंह ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। दया शंकर सिंह ने लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके अदालत से यह भी मांग की है कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता इसलिए एफआईआर खारिज की जाए।
दयाशंकर सिंह के तर्क
-दया शंकर सिंह ने अदालत से कहा कि उन पर मायावती के खिलाफ अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल का केस दर्ज हुआ है, लेकिन वह निर्दोष हैं।उनके खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत कोई अपराध नही बनता
-याचिका में दया शंकर सिंह ने कहा कि दर्ज एफआईआर के आधार पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है, लेकिन एफआईआर के आधार पर उन पर कोई दोष नहीं बनता।
-दयाशंकर सिंह की ओर से कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वकील दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के चलते पंसाया जा रहा है।
-याचिका मे दलील दी गयी है कि घटनास्थल मऊ है तो लखनउ में प्राथमिकी कैसे दर्ज की सकती है? उन्हें केवल राजनीतिक रंजिशवश फंसाया जा रहा है।
-पूर्व भाजपा नेता ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जांच के दौरान उनकी गिरफ्तारी पर स्टे दे दिया जाए।
गिरफ्तारी के लिए चल रही है छापेमारी
-इससे पहले अदालत उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर चुकी है और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
-याचिका पर 28 जुलाई को जस्टिस अजय लांबा व जस्टिस रविंद्र नाथ मिश्रा द्वितीय की बेंच में सुनवाई संभव है।
-याचिका पर भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के पूर्व राष्ट्रीय संयेाजक व वरिष्ठ वकील राघवेंद्र सिंह दयाशंकर की ओर से उनका पक्ष रखेंगे।