माथे पर त्रिपुंड और धोती-कुर्ता पहनकर मैदान में उतरे क्रिकेटर, संस्कृत में हुई कमेंट्री

भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों में क्या दीवानगी रहती है, ये हर कोई जानता है। वाराणसी में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां के संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में क्रिकेट का एक खास मैच देखने को मिला, जिसमें बैट भी था। बॉल भी थी और खिलाड़ी भी। कुछ अलग था तो खिलाड़ियों की वेशभूषा और कमेंट्री का अनोखा अंदाज।

Update: 2019-02-12 14:45 GMT

वाराणसी: भारत में क्रिकेट को लेकर लोगों में क्या दीवानगी रहती है, ये हर कोई जानता है। वाराणसी में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां के संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में क्रिकेट का एक खास मैच देखने को मिला, जिसमें बैट भी था। बॉल भी थी और खिलाड़ी भी। कुछ अलग था तो खिलाड़ियों की वेशभूषा और कमेंट्री का अनोखा अंदाज।

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धोती-कुर्ता पहनकर खेला मैच

विश्वविद्यालय के खेल मैदान में मंगलवार को अनोखा क्रिकेट मैच खेला गया। मैच में सभी खिलाड़ियों ने धोती-कुर्ता पहनकर बैटिंग-बॉलिंग की। खेल के दौरान संस्कृत में कमेंट्री ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौका था सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के शास्त्रार्थ महाविद्यालय के डायमंड जुबली वर्ष में प्रवेश करने के दौरान आयोजित संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का। मैच का उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय महिला वेटरन खिलाड़ी नीलू मिश्रा और काशी विश्वनाथ मंदिर के अर्चक पंडित श्रीकान्त मिश्र ने किया। शास्त्रार्थ महाविद्यालय की तरफ से आयोजित इस क्रिकेट प्रतियोगिता में पांच टीमें हिस्सा ले रही हैं। धोती-कुर्ता में बटुकों को विकेट के बीच में रनों के लिए दौड़ लगाते देखने के लिए दर्शक दीर्घा में लोगों की भारी भीड़ लगी थी। इस दौरान लाउडस्पीकर पर गूंज रही संस्कृत कमेंट्री भी लोगों के दिल छूने का काम कर रही थी।

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रणजी खिलाड़ी ने धोती कुर्ता पहनकर की अंपायरिंग

शास्त्रार्थ महाविद्यालय के आचार्य पवन कुमार शास्त्री ने बताया कि महाविद्यालय के 75वें स्थापना दिवस पर हम अलग-अलग आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता में माथे पर त्रिपुंड लगाकर पारम्परिक गणवेश में वेदों की बात करने वाले बटुक क्रिकेट के मैदान में सहज भाषा के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। खेल के दौरान भी उन्होंने अपने पारंपरिक गणवेश का साथ नहीं छोड़ा।

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