Mainpuri Lok Sabha: मैनपुरी में नेता जी की विरासत संभालेंगी डिम्पल यादव, कन्नौज से जीता था पहला चुनाव

Mainpuri Lok Sabha: डिंपल यादव का जन्म 15 जनवरी, 1978 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। उनके पिता आर एस रावत भारतीय सेना से रिटायर्ड कर्नल थे। इनकी माता का नाम चंपा रावत गृहणी है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update: 2022-12-08 06:37 GMT

Mainpuri Lok Sabha: वर्तमान यूपी चुनाव मैं चर्चा का केंद्र बनी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी व मुलायम सिंह यादव की पहली बहू डिंपल यादव इससे पहले कन्नौज से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं। मुलायम सिंह यादव के बाद निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से उपचुनाव में सपा के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं।

डिंपल यादव का जन्म 15 जनवरी, 1978 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था। उनके पिता आर एस रावत भारतीय सेना से रिटायर्ड कर्नल थे। इनकी माता का नाम चंपा रावत गृहणी है। डिंपल यादव आर एस रावत और चंपा रावत की तीन पुत्रियों में मझली पुत्री है। डिंपल यादव मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली है। इनकी शिक्षा पुणे बठिंडा और अंडमान निकोबार की आर्मी पब्लिक स्कूल में हुई है। इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से वाणिज्य संकाय में स्नातक की पढ़ाई कंप्लीट की।

अखिलेश और डिंपल की शादी

डिंपल यादव की शादी 21 साल की उम्र में अखिलेश यादव के साथ हुई। उस समय अखिलेश यादव की उम्र 25 साल थी। डिंपल यादव लखनऊ विश्वविद्यालय से कॉमर्स की पढ़ाई कर रही थी और उस समय अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई करके लौटे थे। कॉमन फ्रेंड के जरिए दोनों में मुलाकात हुई। दोनों में प्यार हो गया। दोनों की शादी 1999 हुई।

डिंपल यादव का राजनीतिक कैरियर

डिंपल यादव ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत 2009 में हुई। डिंपल यादव फिरोजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से राज बब्बर के विरुद्ध पहली चुनाव लड़ी। जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद साल 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी और जीत हासिल की। साल 2012 से 2017 अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे इस दौरान डिंपल यादव की प्रदेश की राजनीति में सक्रिय दिखी। 2019 लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव को भाजपा के सुब्रत पाठक से हार का सामना करना पड़ा। 10 अक्टूबर, 2022 नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी द्वारा डिंपल यादव को टिकट दिया गया। जिस पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। लेकिन भाजपा भी पीछे नहीं है। भाजपा ने सपा के गढ़ में सेंध लगाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। आज 8 दिसंबर वोटों की गिनती में डिंपल यादव के पक्ष में रुझान से यह बात तो कंफर्म हो जाता है, डिंपल यादव चुनाव जीत रहे हैं लेकिन परिणाम के बाद ही पता चलेगा कि उन्होंने कितने अंतर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रघुराज शाक्य को हराया।

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