Pramod Krishnam Expelled: आचार्य प्रमोद कृष्णम की कांग्रेस से छुट्टी, पार्टी से किए गए निष्कासित

Pramod Krishnam Expelled:अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयान देने की शिकायतों को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस से बाहर कर दिया गया।

Update: 2024-02-11 02:03 GMT

Acharya Pramod Krishnam Expelled (Photo:Social Media)

Pramod Krishnam Expelled. आचार्य प्रमोद कृष्णम को आखिरकार कांग्रेस पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा गया है। उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार कृष्णम कल्कि धाम के पीठाधीश्वर भी हैं। पिछले काफी समय से उनकी ओर से जो बयान आ रहे थे, उनमें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर तीखा प्रहार होता था। वह लगातार पार्टी की रीति-नीति की आलोचना कर रहे थे और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा की जमकर तारीफ कर रहे थे।

कांगेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से शनिवार को एक बयान जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयान देने की शिकायतों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रमोद कृष्णम को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने करने के यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।


निष्कासन पर आई पहली प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम की पहली प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, राम और “राष्ट्र” पर “समझौता” नहीं किया जा सकता। अपने इस ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को टैग किया है। साथ ही कृष्णम आज दोपहर एक बजे अपने कल्कि धाम आश्रम में प्रेस वार्ता भी करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान वो कांग्रेस नेतृत्व पर हमलावर रहेंगे और बीजेपी में शामिल होने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। 

कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम ?

ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म चार जनवरी 1965 को संभल जिले के एंचोड़ा गांव में हुआ था। वह कांग्रेस में लंबे समय से सक्रिय है, लेकिन हाल – फिलहाल में उनकी ओर से जिस तरह की बयानबाजी आई है, उसने उन्हें पार्टी में पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया है। प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर से लेकर सनातन विवाद समेत तमाम छोटे-बड़े मुद्दों पर पार्टी के रूख की कटु आलोचना की है। अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वे शामिल भी हुए थे और कार्यक्रम में भाग न लेने पर कांग्रेस की आलोचना की थी।

इसलिए जब वो पिछले दिनों पीएम मोदी से मिले तो उनकी बीजेपी में जाने की अटकलें जोर पकड़ने लगीं। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक लेटर भी वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस से उन्हें निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी की ओर से तब इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। बात करें उनके अब तक के सियासी सफर की तो आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के टिकट पर दो लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। दोनों में उन्हें हार मिली। 2014 में संभल से उन्होंने पहला चुनाव लड़ा और दूसरी बार 2019 में लखनऊ से राजनाथ सिंह के खिलाफ इलेक्शन लड़ा था। इन दिनों बीजेपी की जमकर तारीफ करने वाले कृष्णम को कांग्रेस ने साल 2020 के एमपी उपचुनाव में अपना स्टार कैंपेनर बनाया था।

पीएम मोदी और अन्य भाजपा नेताओं से की थी मुलाकात

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले कुछ दिनों से दिग्गज भाजपा नेताओं से मुलाकात कर सियासी हलकों हलचल मचा दी थी। सबसे पहले दो फरवरी को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर 19 फरवरी को आयोजित “श्री कल्कि धाम” के शिलान्यास समारोह में शामिल होने का न्योता दिया। इसके बाद 4 फरवरी को राजनाथ सिंह और छह फरवरी को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मिले। पिछले दिनों उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से भी मुलाकात कर उन्हें आने का न्योता दिया।

कृष्णम ने इन मुलाकातों पर सफाई देते हुए कहा था कि इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखा जाए। हालांकि, ऐसा नहीं है कि उनकी ओर से केवल भाजपा नेताओं को ही न्योता दिया जा रहा है। कृष्णम ने कहा कि मैंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी न्योता दिया है, अब वो आएं या न आएं ये उनकी मर्जी है। एक दिन पहले वो पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी आमंत्रण देने पहुंचे थे।

 

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