जागरूकता अभियान: नई शिक्षा नीति पर कुलपति ने बताईं जरुरी बातें
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देशव्यापी जागरूकता अभियान के तहत डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 ने देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक एकल नियामक भारतीय उच्च शिक्षा परिषद् की परिकल्पना की गई है।
अयोध्या: राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर देशव्यापी जागरूकता अभियान के तहत डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 ने देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक एकल नियामक भारतीय उच्च शिक्षा परिषद् की परिकल्पना की गई है।
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परिषद् की विभिन्न भूमिकाओं को पूरा करने के लिए कई कार्य क्षेत्र निर्धारित किये गये है। भारतीय उच्च शिक्षा आयोग चिकित्सा एवं कानूनी शिक्षा को छोड़कर पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक निकाय के रूप में परिषद् कार्य करेगी। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि कार्यों के प्रभावी निष्पादन के लिए चार अन्य निकायों का गठन किया गया है। इसमें राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा नियामकीय परिषद् इसके तहत शिक्षक, शिक्षा सहित उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह नियामक का कार्य करेगा। सामान्य शिक्षा परिषद् उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के लिए अपेक्षित सीखनें के परिणामों का मानक निर्धारण करेगा।
विश्वविद्यालयों के लिए वित्तपोषण का कार्य
नई शिक्षा नीति में राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद् मुख्य रूप से बुनियादी मापदण्डों, सार्वजनिक स्वप्रकटीकरण, सुशासन और परिणामों पर आधारित होगा। कुलपति ने बताया कि उच्चत्तर शिक्षण संस्थानों में व्यापक सुधार के लिए उच्चत्तर शिक्षा अनुदान परिषद् कालेजों एवं विश्वविद्यालयों के लिए वित्तपोषण का कार्य करेगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् वर्तमान में इन्हीं निकायो के माध्यम से संचालित की जाती रही है।
प्रो0 सिंह ने बताया कि देशभर के आई0आई0टी0 एवं आई0आई0एम0 के समकक्ष वैश्विक मानकों के बहुविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (मेरू) की स्थापना की जायेगी। विकलांग विद्यार्थियों के लिए क्रास विकलांगता प्रशिक्षण संसाधन केन्द्र, आवास सहायक उपकरण, उपर्युक्त प्रौद्योगिकी आधारित प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना का प्रावधान नई शिक्षा नीति में किया गया है
15 सितम्बर से शुरू होगी स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश
डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आवासीय परिसर में संचालित विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया कोविड-19 के गाइडलाइंस के अनुपालन में दिनांक 15 सितम्बर, से प्रारम्भ हो रही है यह प्रवेश प्रक्रिया 19 सितम्बर, तक चलेगी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह के निर्देश पर परिसर में संचालित विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों की काउंसिलिंग दिनांक 15 सितम्बर से शुरू होगी। जिसमें बी0वोक0 फैशन डिजाइनिंग एण्ड गारमेट टेक्नोलाॅजी, बी0वोक0 इन बैचलर ऑफ़ परफार्मिंग आर्ट, बी0वोक0 टूरिज्म एण्ड हाॅस्पिलिटी, बीए जैनोलाॅजी एवं बैचलर ऑफ़ फाइन आटर्स में अभ्यर्थियों की काउॅसिलिंग दिनांक 15 सितम्बर, को प्रातः 10 बजे से संतकबीर सभागार में होगी।
इसी क्रम में 16 सितम्बर, को बीएससी (माइक्रोबायोलाॅजी, बायोटेक्नोलाॅजी, कमेस्ट्री एवं माइक्रोबायोलाॅजी, इन्वायरमेंट साइंस, कमेस्ट्री तथा दिनांक 17 सितम्बर, को बीएससी (फिजिक्स, मैथमेटिक्स, कमेस्ट्री), (फिजिक्स, मैथमेटिक्स, इलेक्ट्रानिक्स) एवं (फिजिक्स, मैथमेटिक्स, कम्प्यूटर साइंस) के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा। दिनांक 18 सितम्बर, को बैचलर ऑफ़ कम्प्यूटर एप्लीकेशन एवं बैचलर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्टेªशन में प्रवेश दिया जायेगा। दिनांक 19 सितम्बर, को बी0वोक माॅस कम्युनिकेशन एण्ड जर्नलिज्म, फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोटर्स एवं सोशल वर्क में अभ्यर्थियों को प्रवेश यिा जायेगा।
जरुरी दस्तावेज
प्रवेश समन्वयक प्रो0 विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि कोविड-19 महामारी के सुरक्षा मानको को ध्यान में रखते हुए परिसर के स्नातक पाठ्यक्रमों में अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग होगी। काउंसिलिंग के समय अभ्यर्थियों को हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट का अंक पत्र, आधार कार्ड की फोटो काॅपी, 02 रंगीन फोटो, स्थानान्तर प्रमाण-पत्र की मूल प्रति एवं शुल्क जमा करने की सुविधा काउसिंलिंग के समय की गई है। इसके लिए अभ्यर्थियों को एटीएम कार्ड लाना होगा। प्रो0 श्रीवास्तव ने बताया कि स्नातक स्तर के लगभग 15 पाठ्यक्रमों की मेरिट लिस्ट विश्वविद्यालय की साइट पर अपलोड कर दिया गया है। अभ्यर्थियों को काउसिंलिंग के समय मास्क, ग्लब्स एवं सेनेटाइजर के साथ उपस्थित होना होगा।
रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह
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