प्रशासन की ऐसी करतूत के बाद बोली बुजुर्ग महिला, साहब अभी जिंदा हूं मैं पैसे दे दो
कानपुर: एक बुजुर्ग महिला को जिंदा होते हुए भी मृत घोषित कर दिया गया । खबर को सुनते ही बुजुर्ग महिला एडीएम सिटी के पास पहुंची और अपने जिंदा होने के सबूत दिए। दरअसल बुजुर्ग को अक्टूबर महीने से पेंशन नहीं मिल रही थी। वहीं लेखपाल ने उसे मृत घोषित कर दिया था। बुजुर्ग की आपबीती सुनकर एडीएम सिटी भी असमंजस में पड़ गए। उन्होंने ने सभी कागजात देखकर जांच के आदेश दिए हैं। वहीं इस कार्य में सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करने को भी कहा है।
क्या है पूरा मामला ?
-शिवराजपुर के सादिका माउ गांव में रहने वाली उमा देवी की 22 अक्टूबर 2015 से पेंशन मिला बंद हो गई।
-उमा के पति देवभूषण की 12 साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी।
-उनके दो बेटे हैं, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।
-उमा घर में अकेले ही रहती हैं।
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उमा देवी के मुताबिक
पिछले सात साल से विधवा पेंशन आ रही थी। जिससे मेरा खर्च चल रहा था। उन्होंने ने बताया कि गांव के लेखपाल ने कोई रिपोर्ट बनाई है। जिसमे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। जिससे उनकी 15 माह से पेंशन नही आ रही है । इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के दफ्तर जारकर इस बात की जानकारी दी, और मदद की गुहार लगाई ।
सामाजिक संस्था ने की मदद
अधिकारियों के ना सुनने पर सामाजिक संस्था चलाने वाले अशोक सिंह जिलाधिकारी कार्यालय लेकर आए। जहां उन्हें पेंशन दिलाने की बात कही गई।
एडीएम सिटी के. पी सिंह के मुताबिक
बुजुर्ग महिला के मृत घोषित होने की रिपोर्ट आई है। जिसमें उनकी पेंशन नहीं आ रही थी । इस मामले की जांच की जा रही हैं। दोषी के विरुद्ध कार्यवाई की जाएगी।