Uttar Pradesh Election Results 2022 : मुख्यमंत्री योगी इस तरह बने ब्रांड योगी, दिलाई BJP को जीत

Election Results 2022 में मतगणना अभी भी जारी है। यूपी की जनता ने एक बार फिर CM Yogi की अगुवाई में सत्ता की बागडोर BJP को सौंप रही है। आइए जानते हैं वो कारण जिनसे सीएम योगी ब्रांड योगी बने।

Report :  Raj Kumar Singh
Published By :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-03-10 17:28 IST

योगी आदित्यनाथ (फाइल तस्वीर)

UP Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) की शानदार वापसी के हीरो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हैं। बीजेपी ने उनके ही नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने चुनाव से पहले ही योगी को सीएम का उम्मीदवार घोषित कर साफ कर दिया था कि ये चुनाव उनके चेहरे पर ही है। यही वजह है कि 'आएंगे तो योगी ही' जैसे नारे गढ़े गए। आइए जानते हैं वो कौन से कारण हैं जिनकी वजह से पांच साल में योगी आदित्यनाथ एक ब्रांड बन गए। एक शक्तिशाली राजनीतिक ब्रांड।

बाबा बुलडोज़र

उत्तर प्रदेश के आज तक के इतिहास में माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले सबसे कठोर सीएम बन गए हैं योगी जी। उनसे पहले के किसी सीएम में इतना साहस नहीं हुआ कि वह माफियाओं के घरों पर बुलडोजर चढ़ा सकें। प्रयागराज में अतीक अहमद का किला ध्वस्त करना हो या फिर मऊ, गाजीपुर और लखनऊ में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य ढहाना। योगी ने किसी को भी नहीं बख्शा। कानपुर में पुलिस वालों के हत्यारे विकास दुबे समेत कई अपराधियों का एनकाउंटर भी योगी की जीरो टालरेंस पालिसी दिखाता है। आम जनता ने योगी जी की इस बेहत सख्त छवि को पसंद किया और उनकी वापसी पर मुहर लगाई।

लव जिहाद कानून और एंटी रोमियो

सरकार बनाने के बाद ही योगी ने लड़कियों को बहला फुसला कर उनका शोषण करने वालों पर शिकंजा कसा। इसके लिए खासतौर ने उन्होंने कानून बनाया। बीजेपी शासित अन्य राज्यों ने भी उनके इस कानून को सराहा। हालांकि इस कानून के लिए कुछ लोगों ने उनकी आलोचना भी कि। इन लोगों कहना था कि इसका मकसद मुसलमानों का उत्पीड़न करना है। लेकिन योगी अपने रुख पर अडिग रहे और इससे उनकी छवि मजबूत हुई।

कानून व्यवस्था पर सख्त रुख

कानून व्यवस्था को लेकर योगी का कामकाज अच्छा रहा। कुछेक बड़ी घटनाओं को छोड़कर सामान्य रूप से प्रदेश में आम आदमी को प्रभावित करने वाली कानून व्यवस्था से जुड़ी घटनाओं पर अंकुश लगा। विशेष रूप से महिलाओं और कमजोर वर्ग का उत्पीड़न कम हुआ।

ईमानदार नेता

पूरे पांच साल तक योगी पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में यह एक असमान्य बात है। बीते कई वर्षों से यहां कोई भी सीएम रहा हो भ्रष्टाचार के आरोपों से नहीं बच सका। ऐसे में योगी का दामन बिलकुल पाक साफ रहना किसी करिश्मे से कम नहीं। उनकी इस छवि ने जनता को रिझाया।

परिवारवाद से दूर

उत्तर प्रदेश में सभी दलों के शीर्ष नेता परिवारवाद से घिरे रहे हैं। ऐसे में एक ऐसे मुख्यमंत्री का सामने आना जो अपने परिवार से दूर जनता के लिए ही समर्पित हो, किसी अचंभे से कम नहीं। वैसे भी एक संत होने के कारण वे परिवार को त्याग चुके हैं। लोगों को नई राजनीति का ये चेहरा पसंद आया, इसमें कोई शक नहीं।

सादगी

मुख्यमंत्री बनते ही जिस तरह से योगी ने सुख सुविधा और विलासिता की वस्तुओं को खुद से दूर किया उससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी। योगी ने मुख्यमंत्री आवास से भी इन वस्तुओं को दूर कर दिया।

संत का वेश लेकिन अंधविश्वास से दूर

भले ही योगी जी भगवा वेश में रहते हों और पूजा पाठ में ध्यान लगाते हों, लेकिन उन्होंने ये साबित कर दिया कि प्रगतिशील होने का इंसान के कपड़ों से कोई लेना देना नहीं है। यही वजह है कि उन्होंने नोएडा जाने का अंधविश्वास तोड़ा। वह एक नहीं कई बार नोएडा गए।

संवेदनशील व्यक्तित्व

कोरोना के दौरान योगी का संवेदनशील चेहरा सामने आया। उन्होंने रात दिन कोरोना महामारी से निपटने के लिए काम किया। जब अधिकतर नेता अपने घरों में बंद थे तब योगी ने अपनी सेहत की परवाह न करते हुए प्रदेश भर में दौरे किए, अस्पतालों में घूमे। इससे उनकी छवि जनता का ध्यान रखने वाले नेता की बनी।

फायरब्रांड हिन्दू नेता

योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के महंत है। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। वह हिन्दुत्व का एक प्रतीक हैं। और सबसे बड़ी बात वह इस बात को न तो छिपाते हैं और न ही उनमें इसको लेकर किसी तरह कि हिचक है। वह हिन्दू धार्मिक रीति रिवाजों का सार्वजनिक रूप से पालन करते हैं। वह अयोध्या और मथुरा मुद्दे पर खुलकर अपना पक्ष रखते हैं। ऐसे में बहुसंख्यकों को वह अपनी ओर खींचते हैं। योगी जी को जिस मकसद के लिए यूपी का सीएम बनाया गया था उसमें वह पूरी तरह सफल रहे हैं।

कुल मिलाकर 2017 में जब योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने थे तब उनके वेश और कामकाज को लेकर लोगों के मन में सवाल थे। पांच साल बाद योगी ने साबित किया वह न सिर्फ वेशभूषा में अन्य नेताओं से अलग हैं बल्कि कर्म में भी अलग हैं। उनका यही अलग अंदाज आज एक ब्रांड बन गया है। एक ऐसा पावरफुल ब्रांड जो अपने सामने किसी विपक्षी नेता को टिकने नहीं दे रहा है, और जनता जिसे अपना रही है।

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