आगराः थाना सिकंदरा के सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम) में हाई वोल्टेज के बिजली का तार टूटने से शुक्रवार रात भीषण आग लग गई। तेज गर्मी के बीच यह तेजी से बढ़ती चली गई। इससे अजगर, चीतल, कोबरा सांपों सहित सैकड़ों जंतु और पक्षी मर गए। लगभग 3 किमी क्षेत्र में फैली आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के कर्मियों को काफी मशक्कत के बाद रास्ता मिला।
कैसे लगी आग?
-आगरा-मथुरा हाईवे के बीच कीठम सेंचुरी में रात करीब 9:45 बजे आग लग गई।
-11000 वोल्ट के बिजली लाइन का तार टूटकर नीचे गिरने से आग लगी।
-टॉवर नंबर चार के पास इससे आग फैलने लगी।
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-थोड़ी ही देर में आग बडे़ क्षेत्र में फैलती चली गई।
-लपटों ने झाडि़यों के साथ पेड़ों को भी चपेट में ले लिया।
सैंकड़ो पक्षी और जानवर जलकर मरे
-आग जंगल के अंदर लगी होने से तेजी से बढ़ती चली गई।
-आग के क्षेत्र में अजगर, चीतल, नील गाय, शेही, चींटीखोर, सांप और खरगोश फंस गए।
-पूरा कीठम जंगल जानवरों की आवाज से गूंज रहा था।
-सैकड़ों पक्षी भी इस आग में जलकर मर गए।
-रात 11 बजे तक फायर ब्रिगेड की एक दमकल आग तक पहुंच सकी थी।
-आग क्षेत्र में फैलकर और विकराल होती जा रही थी।
-वन विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों और अन्य को आग से पहले रोकना शुरू कर दिया था।
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सड़कों पर आए पशु-पक्षी
-कीठम सेंचुरी में टॉवर नंबर चार पर सर्वाधिक पशु-पक्षी रहते हैं।
-इसकी वजह यहां अधिक चहलपहल नहीं होना है।
-ऐसी ही जगह वह पसंद करते हैं और शांति से रहते हैं।
-आग लगने के बाद पशु चीखते हुए भागने लगे।
-सुरक्षित ठिकाने की तलाश में वह जंगल से निकलकर खेतों और सड़क पर पहुंच गए।
कौन-कौन से पक्षी रहते हैं यहां?
यहां वुडलैंड बर्ड्स में एशियन कोयल, आशा परीना, ब्ल्यू रॉक पिजन, ब्लैक रेट स्टार्ट, हाउस क्रो, जंगल क्रो, स्पैरो, इंडियन रॉबिन, इंडियन सिल्वर विल वुड पैकर, इंडियन ¨रग डव, रेड मुनिया आदि पाए जाते हैं। वहीं, वेटलैंड बर्ड्स में इंडियन रीफ हेरोन, नाइट हेरोन, लिटिल इग्रेड, लार्ज इग्रेड, कैटेलिक इग्रेड, कैडी बर्ड, पर्पल व ग्रे हेरोन मिलते हैं।
भालू संरक्षण गृह से दूर थी आग
-कीठम के जंगल में जहां आग लगी है, उससे 3 किमी दूर भालूओं का संरक्षण गृह हैं।
-वहां तक आग नहीं पहुंची थी, इसलिए भालूओं का कोई नुकसान नहीं हुआ।
-कीठम में देश का सबसे बड़ा भालू संरक्षण गृह है, यहां 210 भालू है
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यहां कई बार लग चुकी है आग
-कीठम के जंगल में पिछले पांच साल में दर्जन भर आग लग चुकी है।
-इसमें पांच बार आग शॉर्ट सर्किट से लगी है।
वन विभाग का कहना है कि आग से हुए नुकसान का आकलन कर बिजली विभाग को रिपोर्ट भेज दी जाती है, मगर विभाग कोई मदद नहीं करता।