पुरानी पेंशन के हड़ताल में बिजली कर्मियों ने दिया समर्थन

उन्होंने कहा कि यद्यपि कि प्रदेश के ऊर्जा निगमों के कर्मचारी अभी हड़ताल पर नहीं है जिससे बिजली ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो किन्तु यदि पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी न हुई और राज्य कर्मचारियों का दमन किया गया तो बिजली कर्मी भी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की हठवादिता की होगी।

Update: 2019-02-07 14:19 GMT

लखनऊ: विद्युत् कर्मचारी सँयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की पुरानी पेन्शन लागू करने की माँग के लिए हो रही हड़ताल का पूरा समर्थन करते हुए चेतावनी दी है कि यदि हड़ताल का दमन करने के लिए उप्र सरकार ने कोई भी उत्पीड़नात्मक कार्यवाही की तो बिजली कर्मी सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे,राजीव सिंह,गिरीश पाण्डेय,सदरुद्दीन राना,बिपिन प्रकाश वर्मा,सुहेल आबिद,राजेन्द्र घिल्डियाल,डी के मिश्र,प्रेम नाथ राय,ए के श्रीवास्तव,महेन्द्र राय,शशिकांत श्रीवास्तव,करतार प्रसाद,कुलेन्द्र प्रताप सिंह,पी एन तिवारी,अशोक कुमार,मो इलियास,भगवान् मिश्र,विजय त्रिपाठी,पूसे लाल,आर एस वर्मा ने आज यहाँ जारी बयान में कहा है कि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर हो रही राज्य कर्मचारियों की हड़ताल का बिजली कर्मचारी पुरजोर समर्थन करते हैं।

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संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है जिससे पुरानी पेंशन बहाल हो सके, कर्मचारियों को न्याय मिल सके और अनावश्यक रूप से प्रदेश में औद्योगिक अशान्ति न हो।

उन्होंने कहा कि यद्यपि कि प्रदेश के ऊर्जा निगमों के कर्मचारी अभी हड़ताल पर नहीं है जिससे बिजली ठप्प न हो और आम जनता को तकलीफ न हो किन्तु यदि पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी न हुई और राज्य कर्मचारियों का दमन किया गया तो बिजली कर्मी भी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की हठवादिता की होगी।

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