कहीं गाये गए 'फाग गीत', तो कहीं 'गौरैया और तितली' को बचाने का दिया संदेश
वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार के निर्देशन में पारम्परिक फाग गीतों में 'फागुन कन्त विदेश हमे कुछ नीक न लागे', 'गड़ि गये बसन्त के ढाटा बिना होली तापे न जाबै', 'मोहन धरे रुप जनाना चले बेचै चूरिया सुहाना शहर बरसाना' जैसे गीतों की प्रस्तुति हुई तथा लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
लखनऊ: अवधी फागोत्सव के बारहवें दिन रंगे बिरंगे गीतों से सजी अवध की शाम। होली में नवविवाहिता अपने मायके वालों की बाट जोह रही है। प्रतीक्षा की घड़ी में मन के भाव "फागुन है दिन चार, नईहरवा से कोऊ न आवा' सरीखे पारम्परिक फाग गीतों से सोमवार की शाम गुलजार हुई।
मौका था अवधी फागोत्सव के अन्तर्गत चल रही संगीत बैठकी का। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा बारहवें दिन की होली बैठकी सुश्री नीलम वर्मा के जानकीपुरम स्थित आवास पर जमी जहां लोगों ने जमकर फाग गाया।
वरिष्ठ संगीतकार केवल कुमार के निर्देशन में पारम्परिक फाग गीतों में 'फागुन कन्त विदेश हमे कुछ नीक न लागे', 'गड़ि गये बसन्त के ढाटा बिना होली तापे न जाबै', 'मोहन धरे रुप जनाना चले बेचै चूरिया सुहाना शहर बरसाना' जैसे गीतों की प्रस्तुति हुई तथा लोगों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।
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इस मौके पर लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया, कि सोमवार को राजाजीपुरम में कम्यूनिटी सेन्टर के निकट स्थित सी-1129 में होली की बैठकी होगी।
'गौरैया और तितली कार प्रचार' की गाड़ी पहुची इंदिरानगर, अलीगंज और टेढ़ीपुलिया 'विश्व गौरैया और तितली सप्ताह 2019' के मौके पर यहां सोमवार को पांचवे दिन कार अवेयरनेस की गाड़ी इन्दिरानगर, अलीगंज और टेढ़ीपुलिया के इलाकों में पहुंची जहां पर 2500 लोगों को और 1000 विभिन्न स्कूलों के छात्रों को सम्मानित कर उनको गौरैया और तितली को पृथ्वी पर रहने के फायदे बताए गए।
साथ ही उन्हें एक फॉर्म दिया गया है, जिसमें उन्हें अपने आस पास की गौरैया और तितली को गिनकर लिखना होगा। आज का पूरा कार्यक्रम राकिया उमर और अर्शिता जैन के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।
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