Meerut News: बीज माफियाओं द्वारा किसानों को महंगे दर पर बेच जा रहे गन्ने के बीज को लेकर प्रशासन हुआ चौकस,नई गन्ना किस्म के नाम पर किया फर्जीवाड़ा तो होगी कार्रवाई
Meerut News: नई किस्मों के नाम पर किसानों को महंगे दर पर गन्ना बीज माफिया द्वारा बेचे जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी इससे जुड़े भ्रामक विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे हैं।;
Meerut News (Image From Social Media)
Meerut News: नई गन्ना किस्म के नाम पर बीज माफियाओ द्वारा किये जा रहे फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए गन्ना आयुक्त ने ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ बीज अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया है। इन विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के साथ-साथ उन पर एफआइआर भी दर्ज की जाएगी। वहीं, इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक विज्ञापन पोस्ट करने वाले बीज विक्रेताओं के खिलाफ साइबर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि नई किस्मों के नाम पर किसानों को महंगे दर पर गन्ना बीज माफिया द्वारा बेचे जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर भी इससे जुड़े भ्रामक विज्ञापन भी प्रकाशित हो रहे हैं।
मेरठ परिक्षेत्र के उप गन्ना आयुक्त ने आज बताया कि गन्ना आयुक्त द्वारा जारी निर्देशो के अनुसार गन्ना किसानों द्वारा गन्ना बुवाई हेतु ’’बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उपसमिति’’ द्वारा उ.प्र. हेतु गन्ना किस्में अधिसूचित करने की व्यवस्था है। अन्य प्रदेशों से लायी गयी वे किस्में जो उ.प्र में सक्षम समिति द्वारा स्वीकृत नहीं हैं और जिनका परीक्षण उ.प्र. के शोध संस्थानों में नहीं हुआ है उनका उत्पादन वर्जित है। ऐसी किस्मों के उत्पादन में कीट एवं बीमारियों के प्रकोप की संभावना प्रबल रहती है जिससे उ.प्र. में स्वीकृत किस्मों में भी उन बीमारियों के संक्रमण की संभावना बन जाती है।
उन्होनें बताया कि विगत कुछ वर्षो में गन्ना किस्म 0238 की उत्पादकता में गिरावट एवं रोग ग्राह्यता के कारण अधिक उत्पादन देने वाली गन्ना किस्मों के बीज की मांग बढी है। जिसके दृष्टिगत कुछ बीज गन्ना उत्पादक प्रदेश सरकार द्वारा रिलीज़ की गई गन्ने की ऐसी नवीन किस्में जिनका बीज वितरण अभी शुरू नहीं के नाम पर अन्य छद्म गन्ना किस्मों का उच्च दर पर विक्रय कर रहें है तथा किसानों से मनमाने दाम वसूल रहें है। जिस कारण प्रदेश की गन्ना किस्मों की शुद्धता प्रभावित होने की सम्भावना है।
उप गन्ना आयुक्त ने कहा कि यदि कोई बीज गन्ना उत्पादक कृषक, सरकार द्वारा स्वीकृत दरों से अधिक दर पर विक्रय करता है तो उसके विरूद्ध बीज अधिनियम, 1966 के तहत कार्यवाही हो सकती है तथा पंजीकरण निरस्त करने, आर्थिक दण्ड लगाने व एफ.आई.आर. दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही अमल में लायी जा सकती है। यह भी देखा जा रहा कि कुछ कृषक सोशल मीडिया पर अन्य प्रदेशों की वे किस्में जो उ.प्र. में स्वीकृत नहीं है, के सम्बन्ध में लुभावने पोस्ट डाल कर गन्ना किसानों को आकर्षित कर उच्च दरों पर उन किस्मों को बेच रहे है। ऐसे लोगों के सम्बन्ध में विभाग द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है जिससे कि साइबर एक्ट/बीज अधिनियम के तहत इनके विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।