Ayodhya News: फैजाबाद कैंट बोर्ड का नाम बदला अब होगा अयोध्या कैंट बोर्ड, राजनाथ सिंह ने दी मंजूरी
Ayodhya News: फैजाबाद कैंटोनमेंट बोर्ड का नाम बदल गया है। इसका नाम अब अयोध्या कैंटोनमेंट बोर्ड होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है।;
फैजाबाद कैंट का बदला नाम अब अयोध्या कैंट हुआ
Ayodhya News: फैजाबाद कैंटोनमेंट बोर्ड का नाम बदल गया है। इसका नाम अब अयोध्या कैंटोनमेंट बोर्ड होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी मंजूरी दे दी है। अभी तक फैजाबाद कैंट, सैन्य एरिया डोगरा रेजीमेंट के अंतर्गत कार्यरत कैंटोनमेंट बोर्ड नाम से संचालित संस्था जो कैंट एरिया में साफ-सफाई के अलावा नगर निगम के कार्यों की तरह सारी व्यवस्था करती है उसका नाम रक्षा मंत्रालय द्वारा अब अयोध्या कैंट बोर्ड कर दिया गया है अब यह इसी नाम से जाना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2018 में दीपोत्सव के मौके पर फैजाबाद का नाम अयोध्या घोषित कर दिया गया था। तब से धीरे-धीरे प्रदेश सरकार ने अपने सभी विभागों में फैजाबाद के स्थान पर अयोध्या लिखना प्रारंभ कर दिया था। परंतु केंद्र सरकार ने धीरे धीरे फैजाबाद का नाम बदलने की प्रक्रिया अपनाई, जिसमें पहले फैजाबाद जंक्शन का नाम बदल कर अयोध्या कैंट जंक्शन कर दिया गया। इसी तरह कैंट एरिया में छावनी बोर्ड फैजाबाद के नाम से जाना जाता था उसे अब रक्षा मंत्रालय द्वारा अयोध्या कैंट करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। अभी भी पोस्ट ऑफिस में फैजाबाद के स्थान पर अयोध्या का पिन कोड जारी होना बाकी है। अभी फैजाबाद का पिन कोड पोस्ट ऑफिस में चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या कोशल राज्य की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन नवाबों के दौर में फैजाबाद की नींव पड़ी और यह अवध रियासत की राजधानी बनी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2018 में फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था। अयोध्या की पहचान के एक प्राचीन शहर के रूप में होती है, जिसे साकेत के नाम से भी जाना जाता है। अयोध्या प्राचीन कोसल राज्य का हिस्सा था, जिसकी राजधानी साकेत (अयोध्या) थी। अयोध्या की स्थापना प्राचीन भारतीय ग्रंथों के आधार पर ई.पू. 2200 के आसपास मानी जाती है। इसका उल्लेख कई हिंदू पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। अयोध्या नाम का उल्लेख हिंदू ग्रंथों जैसे गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस में भी मिलता है। वहीं, बौद्ध मान्यताओं के अनुसार बुद्ध देव ने अयोध्या अथवा साकेत में 16 सालों तक निवास किया था। रामानंदी संप्रदाय का मुख्य केंद्र अयोध्या ही हुआ करता था।
सरयू किनारे स्थित फैजाबाद शहर की स्थापना 18वीं शताब्दी में नवाब सआदत अली खान ने की थी। उनके उत्तराधिकारी मंसूर खान ने अयोध्या को अपना सैन्य मुख्यालय बनाया और मंसूर के बेटे शुजा-उद-दौला ने फैजाबाद को एक प्रमुख शहर के रूप में विकसित करने के अलावा अयोध्या को अवध की राजधानी बनाया। यह वह दौर था जब यह शहर अपनी बुलंदियों पर था। शुजाउद्दौला का समय एक तरह से फैजाबाद के लिए स्वर्णकाल कहा जा सकता है। अवध के चौथे नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा 1775 में राजधानी को लखनऊ स्थानांतरित करने तक यह शहर प्रमुख रहा।
रामायणकाल में फैजाबाद का नाम साकेत था। अयोध्या नगरी फैजाबाद जिले में ही आती है, जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया है। मान्यता है कि भगवान राम जब वनवास के लिए जा रहे थे तब भरत उनसे मिलने जिस जगह पर आए थे, वह फैजाबाद मुख्यालय से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है। यहां भरतकुंड भी है।
बताया जाता है कि 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान प्रदेश को आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत के रूप में जाना गया। जिसका 1950 में नाम बदलकर उत्तर प्रदेश कर दिया गया। यूपी की स्थापना के बाद से फैजाबाद की पहचान प्रदेश के एक जिले के तौर पर हुई। साल 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या हमारी 'आन, बान और शान का प्रतीक है, साथ ही अयोध्या की पहचान भगवान राम से है।