पंचायत के फैसले ने वृद्ध किसान को बनाया भिखारी, दर-दर भटकने को मजबूर

खेती को लेकर किसानों की समस्याएं दिन बदिन बढ़ती जा रही हैं। ऊपर से छुट्टा जानवरों ने उनका जीना हराम कर दिया है। फसल की चिंता से उनकी रात की नींद भी हराम हो गई है। किसान दिन-रात अपने- खेतों की चौकीदारी करने को मजबूर हो गए हैं। फ

Update: 2017-08-30 07:19 GMT

गोंडा: खेती को लेकर किसानों की समस्याएं दिन बदिन बढ़ती जा रही हैं। ऊपर से छुट्टा जानवरों ने उनका जीना हराम कर दिया है। फसल की चिंता से उनकी रात की नींद भी हराम हो गई है। किसान दिन-रात अपने- खेतों की चौकीदारी करने को मजबूर हो गए हैं। फसल खा रहे एक बछड़े को मारकर खेत से भगाना एक वृद्ध किसान को काफी महंगा पड़ गया। किसान के बछड़े को मारने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। बछड़े की मौत के बाद किसान का जीना हराम हो गया। गांववालों ने पंचायत कर उस किसान को बेघर कर को मजबूर कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

- मामला इटियाथोक क्षेत्र के जगतापुर गांव का है। जहां पर एक 60 वर्षीय किसान जयमंगल ने खेत में फसल खा रहे एक बछड़े को हांकने की गरज से लाठी से मार दिया।

- इसके कुछ घंटे बाद ही बछड़े की मौत हो गई। इस पर वहां के कुछ लोगों ने एतराज किया तो गांव में खुले आम पंचायत हुई। इस दौरान उस किसान पर गौवंश की हत्या का आरोप लगाते हुए पंचों ने सजा का फरमान जारी करते हुए उसको बेघर कर दिया।

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- पांचों ने कहा कि वह साल भर गांव से बाहर रहेगा। साल भर वो भीख मांगकर अपना जीवन यापन करेगा। इस बीच यदि गांव के किसी व्यक्ति ने उसे भोजन पानी दिया तो उसे भी यही सजा भुगतनी होगी।

- ऐसा न करने पर उसका सामाजिक बहिष्कार व खान-पान का बहिष्कार आदि कर दिया जायेगा।

- इस फरमान के बाद किसान अपने घर से बेघर होकर भिखारी बन गया और अब गांव-गांव घूमकर भीख मांग रहा है।

इस संबंध में इंटियाथोक थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने कहा कि उन्हें इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। वैसे गांव वालों को पंचायत कर किसी को दण्ड देने का अधिकार नही है।

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