Muzzafarnagar News: महापंचायत में गन्ने के भुगतान को लेकर किसानों ने किया आत्महत्या का एलान

Muzzafarnagar News: नरेश टिकैत ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए चीनी मिल को चेतावनी दी है कि अगर समय पर गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो वह मिल के गेट पर आत्महत्या कर लेंगे।

Report :  Amit Kaliyan
Update:2023-01-18 22:29 IST

 मुजफ्फरनगर: महापंचायत में गन्ने के भुगतान को लेकर किसानों ने किया आत्महत्या का एलान

Muzzafarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित बजाज शुगर मिल के गेट पर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले पिछले सप्ताह भर से गन्ने के भुगतान को लेकर किसानों का धरना चल रहा था। इस धरने पर आज किसानों द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया था जिसमें किसानों को संबोधित करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए किसानों के गन्ना भुगतान का चीनी मिल को 10 फरवरी तक का समय दिया है और चेतावनी दी है कि अगर समय पर यह गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो वह मिल के गेट पर आत्महत्या कर लेंगे।

आपको बता दें कि यहां के किसानों का कहना है कि बुढ़ाना तहसील क्षेत्र में स्थित बजाज शुगर मिल पर क्षेत्रीय किसानों के गन्ने का लगभग 300 करोड रुपए बकाया है। जिसको लेकर 12 जनवरी से मिल के गेट पर भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों का यहां धरना चल रहा था धरने के दौरान किसानों ने सैकड़ों आवारा पशुओं को भी मिल गेट पर बांध दिया था।

नरेश टिकैत ने गन्ना भुगतान को लेकर दी सरकार को चेतावनी

गन्ना भुगतान को लेकर इस धरने पर आज भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले एक महापंचायत का भी आयोजन किसानो द्वारा किया गया था जिसमें किसानों को संबोधित करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने दो टूक में मिल प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 10 फरवरी तक पिछले साल का गन्ना भुगतान किसानों का नहीं किया गया तो वह इस मिल के गेट पर आत्महत्या कर लेंगे।

बहराल मीडिया ने आत्महत्या का सवाल जब नरेश टिकैत से किया तो उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा कि 10 तारीख होने दो दुनिया इतनी बढ़िया है ऐसे ही क्या हम फांसी खा लेंगे और को भी तो दे देंगे फांसी यहां मरकर पीछा छुड़ा लेंगे ऐसा नहीं है फांसी वाली बात तुम छोड़ो गन्ने के पेमेंट की बात है तो वह 90 करोड़ का पेमेंट हो जाएगा।

वही पंचायत में पहुंचे किसानों की माने तो लाखों रुपए इस मिल पर पिछले साल का उनके गन्ने का बकाया है और इस साल के पेमेंट का तो अभी कोई मतलब ही नहीं है। इन किसानों का कहना है कि अब हालात यह है की घर चलाना भी मुश्किल हो चला है।

इस पंचायत को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की मानें तो 10 फरवरी तक पिछला सारा भुगतान हो जाएगा जितना भी 85,90 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है 10 फरवरी तक कर देंगे यह 10 तारीख होने तो दो दुनिया इतनी बढ़िया है ऐसे ही क्या हम फांसी खा लेंगे और को भी तो दे देंगे फांसी यहां भी मर कर पेंडा झूठा लेंगे ऐसा नहीं है फांसी वाली बात तो तुम छोड़ो पेमेंट की बात है किसानों का ₹900000000 का पेमेंट हो जाएगा तो किसान समस्या है प्रदेश स्तर की देश स्तर की 28 जनवरी का मुजफ्फरनगर में कार्यक्रम है समस्या यही थोड़ा ही ना है समस्या तो और भी बहुत सी हैं बिजली की है पुलिस ज्यादती की है चकबंदी की है गन्ने का भुगतान किए हैं मुजफ्फरनगर ऐतिहासिक जिला रहा है।

क्या उत्तर प्रदेश इतना कमजोर है कि गन्ने का रेट नहीं बढ़ा सकती-नरेश टिकैत

आंदोलनकारी जिला रहा है सबका ही सहयोग है इसी जिले से शुरुआत होगी छोड़ देंगे गोवंश का क्या करेंगे विरोध तो किसान बताएगा ही आवारा पशुओं की जो दिक्कत है आजादी के बाद में जितना किसान इस सरकार में दुखी है इतना किसी से नहीं हुआ ₹32 गन्ने का फर्क पंजाब में और यहां में है बिजली पंजाब में फ्री है ₹32 क्यों नहीं पढ़ा रहे हैं क्या उत्तर प्रदेश इतना कमजोर है यहां की सरकार इतनी कमजोर है कि गन्ने का रेट नहीं बढ़ा सकती गेहूं का रेट है धान का रेट है आलू का किसान बर्बाद हो गया जो अपनी आवाज उठाता है उसी पर मुकदमे हो जिस कमेटी ने धरना रखा था उसने समाप्त कर दिया है बातचीत होने के बाद।

वही मुजफ्फरनगर के गन्ना अधिकारी आर डी द्विवेदी ने बताया कि किसानों की महापंचायत ई गन्ना भुगतान को लेकर पिछले पराई सत्र का चीनी मिल पर उन्यासी करोड़ रुपये बकाया है जिसने यह समझौता हुआ है कि ₹200000000 रुपए सोमवार तक और बाकी जो बचा रहा है वह 10 फरवरी तक दे दिया जाएगा पर मुझे कुछ नहीं कहना है यह उनकी पीड़ा हो सकती है लेकिन पूरा प्रयास होगा कि जो समझौता हुआ है वह पूरा हो कोशिश यही होगी कि समय पर भुगतान हो ऐसी स्थिति ना आए।

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