यहां हुई बड़ी किसान पंचायतः किसानों के घरों में अंधेरा, सरकार पर लगाया ये आरोप
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है जहां पर शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र में किसानों ने एक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में किसानों ने कहा कि पिछले सत्र का उनका बकाया गन्ना मूल्य भुगतान अभी तक 25 फरवरी तक का ही हुआ है और अगला सत्र शुरू होने वाला है।
शामली: जनपद शामली में किसानों द्वारा बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से नाराजगी के चलते एक पंचायत का आयोजन किया जिसमें किसानों ने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर चर्चा की और कहा कि सरकार उनके घरों में अंधेरा कर अपने घरों में उजाला कर रही है पंचायत के दौरान किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर दशहरा पर्व से पहले बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया जाता तो वह बीजेपी का बहिष्कार करेंगे फिलहाल किसानों का बकाया मूल्य भुगतान न होने से किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा रहा है।
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मामला जनपद शामली का है
दरअसल आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है जहां पर शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र में किसानों ने एक पंचायत का आयोजन किया। पंचायत में किसानों ने कहा कि पिछले सत्र का उनका बकाया गन्ना मूल्य भुगतान अभी तक 25 फरवरी तक का ही हुआ है और अगला सत्र शुरू होने वाला है। किसानों ने कहा कि अगले महीने में दीपावली का त्योहार है और इस बार उनकी दीपावली फीकी की रहने वाली है क्योंकि शुगर मिल द्वारा उनका बकाया भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा
किसानों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनके घरों में अंधेरा कर अपने घरों में उजाला कर रही है। साथी किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर दशहरा पर्व से पहले उनका बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया गया तो वह बीजेपी का बहिष्कार करेंगे। किसानों ने कहा कि बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है और ऊपर से स्कूल भी खुल गए हैं। अब जब बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं हुआ, तो वह अपने बच्चों की स्कूल की फीस कैसे भरें क्योंकि स्कूल वाले तो उनके बच्चों के हाथों में बकाया फीस की पर्ची थमा रहे है।
पंचायत के बाद किसान नेता कुलदीप पवार ने बताया
पंचायत के बाद किसान नेता कुलदीप पवार ने बताया कि त्योहार ऊपर से आ गए हैं नवरात्रे चल रहे हैं, दशहरा है, दिवाली है और ना तो यहां गन्ने का भुगतान हो रहा है ना ही काम है तो सारे लोग यहां मजदूर किसान इन्हीं बातों पर चर्चा कर रहे थे कि भाई कैसे होगा और त्योहारों का काम कैसे चलेगा। आज हालत हमारे जिले में यह है कि गन्ने का भुगतान तो 25 फरवरी तक आया चार चार महीने का तो भुगतान बाकी है और काम-धाम कुछ है नहीं और सर पर त्यौहार आ गए तो इसलिए लोग बहुत परेशान हैं तो सब बैठकर यही चर्चा कर रहे थे कि कैसे त्यौहार मनाएंगे कर्जा लेना पड़ेगा या किसी पर से लेकर काम चलाएगा।
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बालकों को त्योहारों पर चीज चाहिए और इन्होंने 19 तारीख से स्कूल भी खोल दिए है अब इन्होंने अब तक तो फीस दिए बिना भी काम चल रहा था अब उन्होंने भी बालकों पर नोटिस भेजने शुरू कर दिए कि फीस 2 फीस 2 सरकार पर प्रेशर बनाएंगे और यह हालत होगी कि अगर इन्होंने गन्ने का भुगतान या कोई व्यवस्था ना करवाई गरीब की तो हम इस सरकार का बहिष्कार करेंगे और गांव गांव में लोगों से कहेंगे कि इन सरकार के प्रतिनिधियो को या तो गांव में मत घुसने दो और अगर यह गांव में आए हैं तो इन्हें घेर कर बैठो और इनसे पूछो कैसे चलेगा। अगर दशहरा तक कोई समाधान नही होता है तो गाँव गाँव जाकर हम यही कराएंगे।
पंजक प्रजापति
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