Farrukhabad Crime News: अंधविश्वास ने दादा-पोती की ली जान, रेल की पटरी पर करने गए थे ऐसा काम

फर्रुखाबाद के कमालगंज रेलवे स्टेशन के पास की है जहाँ बाबा-पौत्री की जान चली गई। दोनो की मृत्यू ट्रेन से कटकर हुई है।

Update: 2021-07-11 16:15 GMT

मृतक के रोतो-बिलखते परिजन

Farrukhabad News:  झांड़-फुंक आज भी देश के ग्रमीण इलाकों में विद्यमान है और लोगो को किसी प्रकार की परेशानी होती है तो वे लोग डॅाक्टर के बजाय बाबा के पास हीं जाते हैं। ग्रामीण इलाके में आज भी लोग सांप के कटने पर बाबा के शरण में हीं जाते है वहीं डायन, भूत पिशाच का चलन भी देश के दूर-दराज के इलाकों में आज भी है। ठीक इसी प्रकार की घटना फर्रूखाबाद के कमालगंज से सुनने को आ रही है जहां दो माह की बच्ची को एक बाबा ने उसके कुपोषण के इलाज के तौर पर ट्रेन की पटरियों के आवाज सुनने के लिए कहा। जब बच्ची के दादा ने ऐसा करने के लिए गए तो दोनों ट्रेन से कट गए जिसके बाद उस इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। घटना के बाद रेलवे पुलिस पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया और मामले की तहकीकात कर रही है।

ट्रेन से कटकर गई जान

आपको बता दें की भले ही विज्ञान के बूते देश ने कितनी भी तरक्की क्यों न कर ली हो लेकिन आज भी अंधविश्वास में लोग जान दांव पर लगा रहे हैं। ऐसी ही एक घटना में फर्रुखाबाद के कमालगंज रेलवे स्टेशन के पास की है जहाँ बाबा-पौत्री की जान चली गई। ट्रेन की सीटी सुनाने के लिए दो माह की बच्ची को लेकर आए बाबा ने पटरी पर लिटा दिया फिर ट्रेन आने पर पटरी से हटाते समय दोनों की जान चली गई। घटना देखने वाले भी आवाक रह गए और मौके पर पहुंचे स्वजन बिलखते रहे।



कमालगंज के फतेहउल्लाहपुर गांव निवासी जितेंद्र जाटव की दो माह की पुत्री दुर्गा जन्म से कुपोषण का शिकार थी। लगातार इलाज के बाद जब वह उसमें कोई सुधार नहीं दिखा तो स्वजन झाड़-फूंक के चक्कर मे पड़ गए। झाड़-फूंक करने वाले किसी भगत ने सलाह दी कि बच्ची को ट्रेन की सीटी सुनाओ तो वह ठीक हो जाएगी। इस पर भोर पहर करीब तीन बजे जितेंद्र जाटव अपने 45 वर्षीय चाचा प्रताप जाटव के साथ बाइक से दो माह की दुर्गा को लेकर कमालगंज स्टेशन पर पहुंचा।

गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन आ गई और उसकी चपेट में आकर बाबा और पौत्री की मौत हो गई

उस समय रेलवे क्रॉसिंग बंद थी तो बाबा प्रताप दुर्गा को गोद में लेकर रेलवे फाटक के पास खड़ा हो गया। ट्रेन को आता देख उसने दुर्गा को रेल पटरी पर लिटा दिया। ट्रेन के चालक ने हार्न बताया तो तेज सीटी की आवाज सुनते ही प्रताप तेजी से बच्ची को उठाने लगा। लेकिन, इससे पहले गोरखपुर-बांद्रा ट्रेन आ गई और उसकी चपेट में आकर बाबा और पौत्री की मौत हो गई।

चाचा और बेटी की मौत का मंजर देखकर जितेंद्र सहम गया और सिर पर हाथ रखकर वहीं बैठ गया। कुछ देर बाद सूरज की किरण फूटी तो आसपास के लोग भी आ गए। घटना की जानकारी पर सभी अवाक रह गए, इसके बाद जितेंद्र घर जाकर सूचना दी। मृतक प्रताप की पत्नी सुमन तथा भाई दयाराम व दुर्गा की मां नीलम का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। घटना की सूचना पर यूपी 112 पुलिस टीमें मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने बताया कि प्रताप दो भाई हैं और उसके चार बच्चे हैं। पुलिस की सूचना पर जीआरपी के उपनिरीक्षक विकास यादव भी पहुंचे और घटना के बारे में लोगों से पूछताछ की।

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