Firozabad News: अपनी विरासत को संजोने की सरकार की योजना, बनाया गया रपड़ी मठ ईको टूरिज्म

Firozabad News: वर्तमान में सरकार ने इस गाँव के यमुना किनारे मठ बनवाया हुआ है, इसे पर्यटन केंद्र बनाया गया है ।;

Report :  Brajesh Rathore
Update:2025-01-24 13:04 IST

Firozabad News: फिरोजाबाद जिला शिकोहाबाद तहसील क्षेत्र का ऐतिहासिक गाँव रपड़ी, महाभारत कालीन भगवान श्रीकृष्ण के चाचा रायसेन यहाँ के राजा हुआ करते थे । रपड़ी का पुराना नाम रायपुरी था। पूर्व में यहाँ मोहम्मद गोरी और यादवों का युद्ध हुआ था, जिसमे भयंकर यादवों का नरसंहार हुआ था, जिस स्थान पर फतेहपुर करखा का ताल आज भी स्थापित है ।

वर्तमान में सरकार ने इस गाँव के यमुना किनारे मठ बनवाया हुआ है, इसे पर्यटन केंद्र बनाया गया है। पूर्व में यह दस्यू प्रभावित क्षेत्र था, यहाँ आसपास से अपहरण कर लाये जाने वाले अपहरित के परिजनों से फिरौती के रूप में पैसे वसूले जाते थे। यहाँ आने से आम आदमी डरता था। इस जगह अपराधी या जुआरी रहते थे। इस जगह का कोई रास्ता नहीं था, कच्ची कांटे दार बेहड़ रास्ता था। यहाँ कोई आम आदमी नहीं जाता था। वही आसपास के लोगों से बात की जाती है तो स्थानीय लोग बताते है कि ये ऐतिहासिक गाँव है, इसकी यादें भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी है। भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव बटेश्वर के राजा थे, बटेश्वर एक ऐतिहासिक क्षेत्र है।

क्षेत्र में डकैतों की भरमार

आसपास के बुजुर्गो का कहना है कि इस क्षेत्र में कुछ समय पूर्व शिकोहाबाद तहसील मैनपुरी जिले की तहसील कोतवाली शिकोहाबाद थी। इस गाँव में पुलिस चौकी भी थी, अब थाना नसीरपुर क्षेत्र है । इस क्षेत्र में डकैतों की भरमार थी। डकैत बड़ी संख्या में मठ के आसपास रहते थे क्योंकि यमुना का किनारा था, भयंकर बेहड़ था, पुलिस के वाहन वहा पहुंच नहीं पाते थे। पैदल पुलिस जाती थी तो आये दिन मुठभेड़ फायरिंग सुनाई देती थी, डकैतों का यह सुरक्षित स्थान था। अभी भी मठ के लिए कच्चा रास्ता है लेकिन सरकार ने अब जंगल में मंगल कर दिया है।

बटेश्वर और रपड़ी की दूरी ज्यादा नहीं है। यमुना बीच में है बटेश्वर आगरा जिले की बाह तहसील में है तो रपड़ी वर्तमान में फ़िरोज़ाबाद जिले के शिकोहाबाद तहसील क्षेत्र में । यमुना नदी बीच से निकलती है। गाँव में पुराना किला है जो पूर्ण ध्वस्त हो गया है , केवल अवशेष बचे हैं । एक वावड़ी है, जिसकी बहुत ही ख़राब हालत है। गाँव शिकोहाबाद बटेश्वर मार्ग पर सड़क किनारे बसा है, गाँव से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर यमुना किनारे मठ ईको टूरिज्म सरकार ने पर्यटन केंद्र बनाया है । प्रदेश की वर्तमान सरकार ने मठ ईको टूरिज्म के नाम से इस जगह पर्यटन केंद्र बनाया है जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जहाँ अब सैलानी आने लगे है, नौका विहार की व्यवस्था की गयी है ,विदेशी पक्षी आते है । यहाँ पुराना शिव मंदिर है, जिसका जीडियोद्धार नहीं किया, मंदिर का पुनरनिर्माण होना चाहिए।

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