UP में बाढ़ से तबाही: सैकड़ों गांव पानी में डूबे, खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ राहत का कार्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: इस समय देश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, शाहजहांपुर, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 777 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही हैं। बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी हैं।
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उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाढ़ राहत का कार्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है। इसके लिए बजट की कोई भी कमी नहीं है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को तटबंध के निरन्तर पेट्रोलिंग के साथ-साथ बांधों में कटान की स्थिति पर सतत् निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं।
बाढ़ राहत शरणालयों में रह रहे किसी भी व्यक्ति में ज्वर, खांसी, सिरदर्द आदि के लक्षण प्रदर्शित होने पर उनकों शेष शरणार्थियों से अलग रखा जाए तथा कोविड-19 के दृष्टिगत आवश्यकतानुसार टेस्टिंग, भर्ती, उपचार आदि की कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है ।
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प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित
राजभर ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 7 टीमें इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 1,176 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है। राजभर ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है।
राजभर ने बताया कि प्रदेश में 362 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 6,68,392 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 2,743 कुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।
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