लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दस साल से अटके पड़े आशियाना गैंगरेप केस में मुख्य आरेापी गौरव शुक्ला की घटना के समय जूविनाइल होने की दलील शुक्रवार को खाारिज कर दी। इसी के साथ ही ट्रायल कोर्ट द्वारा इस मामले में 28 मार्च को फैसला सुनाने का रास्ता साफ हो गया है। रिवीजन खारिज करते हुए जस्टिस महेंद्र दयाल ने इतने वर्षों बाद भी केस के पेंडिंग होने पर अफसोस जाहिर किया
क्या कहा कोर्ट ने?
-रिवीजन खारिज करते हुए जस्टिस महेंद्र दयाल ने इतने वर्षों बाद भी केस के पेंडिंग होने पर अफसोस जाहिर किया।
-कोर्ट ने गौरव की ओर से उसके हेराल्ड पब्लिक स्कूल की हाई स्कूल फेल की मार्कशीट में दर्ज 2 अक्टूबर 1989 को ही उसकी सही जन्मतिथि मानने से इनकार कर दिया। -कोर्ट ने कहा कि गौरव सबसे पहले सेंट फ्रांसिस कालेज में नर्सरी में पढ़ने गया था, जहां उसकी जन्मतिथि 14 मार्च 1987 दर्ज थी। वही उसकी सही जन्मतिथि है।
-इसके मुताबिक वह 2 मई 2005 को घटना के समय बालिग था।
-कोर्ट ने कहा कि जुविनाइल जस्टिस बोर्ड का 27 मार्च 2014 का और अपीलेट कोर्ट के 11 मार्च 2015 का गौरव को घटना के समय बालिग पाए जाने का फैसला बिल्कुल सही है।
टल गया था फैसला
-जज अनिल कुमार शुक्ला ने केस का ट्रायल पूरा कर अपना फैसला सुरक्षित कर रखा है।
-कोर्ट 12 फरवरी को अपना फैसला सुनाने जा रहा था, लेकिन गौरव की ओर से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर रिवीजन का हवाला देकर फैसला टालने की गुजारिश की गई थी।
-ट्रायल कोर्ट हाईकेार्ट की ओर से रिवीजन पर फैसले का इंतजार किया जा रहा था। इस मामले मे अगली तारीख 28 मार्च नियत है।
क्या हुआ था तब
-2 मई 2005 की रात जब एक नाबालिग किशोरी घरों में झाडू-पोछा लगाकर अपने भाई के साथ घर लौट रही थी।
-तभी आशियाना इलाके के नागेश्वर मंदिर के पास पराग डेरी की तरफ से एक सेंट्रो कार आकर रुकी।
-कार से उतरे तीन लड़कों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में घसीट लिया। किशोरी का भाई चिल्लाता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
-इस दौरान दरिंदो ने किशोरी को हवस का शिकार बनाते हुए उसके साथ सामूहिक रेप किया हया।
-जब किशोरी ने विरोध किया तो दरिंदों ने उसे सिगरेट से दागा।