Gonda News: गरीब महिला ने निरस्त किए गए राशन कार्ड को बनवाने की लगाई गुहार, पूर्ति निरीक्षक पर मनमानी करने के लगे आरोप
Gonda News: कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत कटरा बाजार में पूर्ति निरीक्षक द्वारा बिना जाँच पड़ताल के कुछ लोगों के इशारे पर काम करते हुए पात्र व गरीब लोगों के राशन कार्ड मनमानी तरीके से निरस्त कर उनका शोषण किया जा रहा है ।;
Gonda News: गोंडा जिले की कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत कटरा बाजार में पूर्ति निरीक्षक द्वारा बिना जाँच पड़ताल के कुछ लोगों के इशारे पर काम करते हुए पात्र व गरीब लोगों के राशन कार्ड मनमानी तरीके से निरस्त कर उनका शोषण किया जा रहा है और शिकायतों का फर्जी निस्तारण कागजों में दर्शाकर शासन व विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है। मामले में अधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद अभी तक पीड़ित महिला का राशन कार्ड नही बनाया गया है।
राशन कार्ड बनवाने की मांग की
इसी क्रम में ताजा मामला इसी नगर पंचायत के वार्ड नंबर 15 का सामने आया है, यहां निवासरत एक पीड़ित महिला ने अपने पूर्व के राशन कार्ड को निरस्त करने तथा कई बार इस संबंध में प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी उसका राशन कार्ड न बनाने, कागजों पर समस्या का फर्जी समाधान दर्शाने के संबंध में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को शिकायती प्रार्थना पत्र भेजकर मामले की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई करने तथा राशन कार्ड बनवाने की मांग की है।
नगर पंचायत कटरा बाजार के वार्ड नंबर 15 निवासी जैतुन्निशा पत्नी रज्जब अली ने बताया कि वह बहुत गरीब महिला है तथा उसके पति बीमारी से ग्रसित रहते हैं तथा उसके पास एक बिस्वा जमीन भी नहीं है। उसका पुराना राशन कार्ड नंबर 4295/1183400542295 था, लेकिन तीन वर्ष पूर्व पूर्ति निरीक्षक द्वारा बिना किसी जांच पड़ताल के किसी के कहने पर राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया था। तब से वह कई बार अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दे चुकी है, लेकिन आज तक राशन कार्ड नहीं बना है।
फर्जीवाड़ा करके निस्तारण कर दिया
महिला ने बताया कि 4 नवम्बर 2024 को उसने पुनः सम्पूर्ण समाधान दिवस तहसील कर्नलगंज में प्रार्थना पत्र दिया, जिसका पंजीकरण संख्या 30099924001208 है, जिसका पोर्टल पर फर्जीवाड़ा करके निस्तारण कर दिया गया है। आरोप है कि पूर्ति निरीक्षक कभी भी मौके पर जांच करने नगर में नहीं आते तथा राशन की दुकान से पूछकर अपने कार्यालय में बैठकर फोन पर तथा नगर पंचायत कार्यालय से जानकारी प्राप्त कर लेते हैं और वहां से जो कहा जाता है उसके आधार पर किसी का राशन कार्ड निरस्त कर देते हैं तथा किसी और का बना देते हैं।
बताया जाता है कि यह खेल कई वर्षों से चल रहा है, जिसके चलते अधिकतर राशन कार्ड बड़े व धनाढ्य लोगों के बने हुए हैं, जिसमें कुछ सरकारी कर्मचारियों के भी राशन कार्ड बने हुए हैं तथा इस खेल में पीड़ित महिला जैसी कई गरीब महिलाओं के राशन कार्ड नहीं बने हैं। इसके चलते वास्तविक गरीब पात्र वंचित रह जाते हैं। जबकि पूर्ति विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी स्वयं मौके पर जाकर जांच कर राशन कार्ड बनाने का अधिकार रखते हैं। लेकिन पूर्ति विभाग द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।पीड़ित महिला ने मामले की निष्पक्ष जांच कराकर उचित कार्रवाई करने तथा राशन कार्ड बनवाने की मांग की है।