Gonda News: 6 साल में 14 बार बदली जांच, फर्जी तरीके से लगवाया अंगूठा, जानें क्या है पूरा मामला
Gonda News: "तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख" यह प्रसिद्ध डायलॉग फिल्म में कई बार सुना होगा। लेकिन इस डायलॉग को सत्य करता हुआ एक मामला सामने आया है।
Gonda News: "तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख" यह प्रसिद्ध डायलॉग फिल्म में कई बार सुना होगा। लेकिन इस डायलॉग को सत्य करता हुआ एक मामला सामने आया है। यह मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का है जहां दलित बुजुर्ग की हत्या के मामले में धोखाधड़ी की जानकारी सामने आई है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस के सीबीसीआईडी में जांच बदलने का ये अनोखा मामला उजागर हुआ है। जहां फर्जी तरीके से अंगूठा लगवाते हुए बार-बार अधिकारियों को ही बदल दिया जाता है। इससे बार बार जांच बदलती गई। वहीं, इस पूरे मामला का खुलासा उस वक्त हुआ जब नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देकर पीड़ित परिवार के मददगारों को ही फंसाना शुरू किया गया।
सीबीसीआईडी के खिलाफ जांच के आदेश
वहीं इस पूरे मामले में अब प्रताड़ित परिजनों की शिकायत पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने सीबीसीआईडी (CBCID) के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए है। प्रमुख की ओर से एक पत्र जारी करते हुए इस मामले में पूछा गया की 6 साल के अंदर 14 बार जांच क्यों बदल दी गई? कौन कौन इस खेल में शामिल है? उन्होंने आदेश दिया कि इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई होनी चाहिए। कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री के कार्यालय में जानकारी दी जाए।
क्या है पूरा मामला
यह बात 2017 की है जब एक बुजुर्ग दलित व्यक्ति की हत्या हो गई थी। इसी हत्या के मामले में बुजुर्ग की पत्नी ने गोंडा के तरबगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित पत्नी ने इस मामले में राधेश्याम दुबे, विष्णुशंकर दुबे, कलूट, मोहर अली के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इसी शिकायत के बाद जांच सीओ तरबगंज को दी गई।
दरअसल, तरबगंज सीओ को मिली जांच के आदेश के बाद इसे गोंडा के एसपी द्वारा आदेश जारी किया गया कि इस पूरे मामले को जांच के लिए मनकापुर सीओ को जांच सौंप दी गई। इसके बाद सीओ तरबगंज ब्रह्म सिंह को मिली। जब इसकी शिकायत राज्य एससी एसटी आयोग से की गई तो आयोग ने बस्ती में हरैया थाने के सीओ को जांच सौंप दी। पिछले 6 सालों तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। जिसके कारण परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
परिवार का क्या है आरोप?
अब पीड़ित परिवार वालों ने सीएम योगी से इस मामले में जांच की अपील की है। साथ ही उनकी और से यह आरोप लगाया जा रहा है की राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस प्रशासन और सीबीसीआईडी के अफसर आरोपियों को बचाने के कोशिश में जुटे हुए है।