Gonda News: कर्नलगंज कोतवाली के जिम्मेदारों का हैरतअंगेज कारनामा उजागर, पुलिस पर बदमाशों को बचाने का गंभीर आरोप

Gonda News: जनपद के कर्नलगंज कोतवाली पुलिस क्षेत्र में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने व घटनाओं का खुलासा करने में नाकाम तो साबित हो ही रही है, वहीं राहजनी जैसे गंभीर अपराधों में भी खेलकर मामले को हजम करने में माहिर है।;

Update:2025-04-07 18:56 IST

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Gonda News: यूपी में गोंडा जनपद के कर्नलगंज कोतवाली पुलिस क्षेत्र में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने व घटनाओं का खुलासा करने में नाकाम तो साबित हो ही रही है, वहीं राहजनी जैसे गंभीर अपराधों में भी खेलकर मामले को हजम करने में माहिर है। इसी क्रम में कर्नलगंज कोतवाली के जिम्मेदारों का हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। जहाँ बाईक सवार बदमाशों द्वारा छीना गया फोन कोतवाली कर्नलगंज में मिला है और बदमाश लापता है। बताया जाता है कि पुलिस ने पीड़ित के चचेरे भाई को फोन गुम होना लिखवाकर 19 मार्च को फोन वापस लौटा दिया है।

इससे कोतवाली के जिम्मेदारों की कार्यशैली को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस पर आरोप है कि वह गंभीर अपराधों में लिप्त बदमाशों को बचाने और मामलों को दबाने में माहिर है। मामला कर्नलगंज-परसपुर रोड स्थित नचनी मेंहदीहाता बजरंग नगर के पास से जुड़ा है। जहाँ बाईक सवार बदमाशों ने 8 मार्च 2025 की रात को ड्यूटी करके घर जा रहे एक युवक विवेक पाण्डेय से फोन छीन लिया था और फरार हो गये थे।

हालांकि,पुलिस ने इस घटना को गुमशुदगी का मामला बनाकर और पीड़ित विवेक पाण्डेय के चचेरे भाई अनुपम पाण्डेय से फोन गुम होना लिखवाकर 19 मार्च को वापस फोन वापस लौटा दिया। ग्राम करुआ पाण्डेय पुरवा निवासी पीड़ित विवेक पाण्डेय ने कर्नलगंज कोतवाली में 9 मार्च 2025 को लिखित शिकायत दी थी और मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर भी आनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया था कि बाईक सवार बदमाशों ने 8 मार्च की रात में उसका फोन छीन लिया था और फरार हो गये थे। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इसके बावजूद,पुलिस ने इस घटना की एफआईआर दर्ज करने के बजाय विवेक पाण्डेय के चचेरे भाई अनुपम पाण्डेय से फोन गुमशुदगी लिखवाकर 19 मार्च को फोन वापस लौटाने का दावा किया।

पुलिस की इस कार्यशैली को लेकर पीड़ित और आम जनता में गहरी नाराजगी है। सूत्रों के अनुसार,पुलिस ने पीड़ित पर दबाव डाला कि वह एफआईआर दर्ज करने की बजाय गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराए। इस पूरे मामले में पुलिस की नाकामी को छिपाने और अपराधियों को बचाने की कोशिशें साफ तौर पर नजर आ रही हैं। इस घटना के अगले दिन, 9 मार्च को भी इसी इलाके में बाईक सवार बदमाशों ने एक दुकानदार से मारपीट कर उसका फोन और पैसे छीन लिए थे। इस घटना की रिपोर्ट पीड़ित कृष्णा ने 10 मार्च को पुलिस को दी, लेकिन अब तक इस मामले में भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। कर्नलगंज कोतवाली में इस प्रकार के कारनामों से यह सवाल उठ रहा है कि कहीं पुलिस और बदमाशों का गठजोड़ तो नहीं है।

यह आशंका इसलिए भी जताई जा रही है,क्योंकि अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही है और पुलिस लगातार इन मामलों को दबाने की कोशिश कर रही है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस विभाग के आला अधिकारी भी इन मामलों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और उन्हें गुमराह किया जा रहा है। अपराधों को छिपाने और आंकड़ों में खेल करने की नीति अपनाई जा रही है,जो प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। पुलिस की यह कार्यशैली न केवल आम जनता में भय और असंतोष का कारण बन रही है, बल्कि इसने विभाग के उच्चाधिकारियों की साख पर भी बट्टा लगा दिया है। क्षेत्रवासियों ने उच्चाधिकारियों से इस मामले की गंभीरता से जांच कराने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

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