Gonda News: एसपी ने 'Safe Internet Day' के अवसर पर साइबर सुरक्षा को लेकर किए जागरूक, दिए ये टिप्स
Gonda News: इंटरनेट का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि एक सुरक्षित और सकारात्मक डिजिटल माहौल बनाने के लिए किया जाना चाहिए। जिससे यह सुरक्षित और आनन्ददायक बन सके।;
एसपी विनीत जायसवाल ने 'Safe Internet Day' के अवसर पर साइबर सुरक्षा को लेकर किए जागरूक (Photo- Social Media)
Gonda News: उत्तर प्रदेश के जनपद गोंडा में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा जिला पंचायत सभागार में आयोजित कार्यक्रम "सुरक्षित इंटरनेट दिवस -2025" (Safe Internet Day) के अवसर पर जनपद के समस्त विभागों से आए अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन प्राइवेसी और डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा देते हुए इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के प्रति जागरूक किया गया। सुरक्षित इंटरनेट दिवस 2025 का थीम "एक साथ बेहतर इंटरनेट" है।
आनलाइन प्राइवेसी और डिजिटल जागरूकता
एसपी द्वारा बताया गया कि सुरक्षित इंटरनेट दिवस का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा, आनलाइन प्राइवेसी और डिजिटल जागरूकता को बढावा देना है। इंटरनेट का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं बल्कि एक सुरक्षित और सकारात्मक डिजिटल माहौल बनाने के लिए किया जाना चाहिए। जिससे यह सुरक्षित और आनन्ददायक बन सके। इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। साथ ही साइबर अपराध की जानकारी देते हुए बताया गया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है ।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सअप, ट्विटर(X), फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरुपयोग कर सकता है। इस प्रकार के एप्स डाउनलोड किये जाते समय प्राइवेसी सम्बन्धी आप्शन का भली-भांति अवलोकन करने के बाद ही सहमति/असहमति देते हुए प्रक्रिया पूर्ण करें। फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट के विषय में सभी को जानकारी देते हुए बताया गया कि साइबर ठग आपके पास काॅल या वीडियों काॅल कर खुद को किसी जांच एजेंसी या पुलिस अधिकारी बताकर कानूनी टर्म का इस्तेमाल करते है तथा आपको किसी अपराध में शामिल होने की बात कहते है।
साइबर ठगी हो गयी है तो घबराना नहीं
कुछ मामलों में इंटरनेट पर अश्लील वीडियो देखने का भी आरोप लगाते है साथ ही पीड़ित से किसी भी शांत स्थान पर जाने की बात करते है। जिससे परिवार या फिर किसी जानकार से संपर्क नही हो सके। साइबर ठग पीड़ित पर मानसिक रूप से दबाव बनाकर पीड़ित को अपनी बातों में ले लेते है और मामला सेटल करने के लिए पैसे देने की बात कहते है। कुछ मामलों में ठगों को पुलिस की वर्दी पहने भी देखा गया है। याद रखे कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर कानूनी कार्यवाही नही करता है। यदि आपके साथ किसी भी प्रकार की कोई भी साइबर ठगी हो गयी है तो घबराना नही है। आपको पुलिस की साइबर सेल या 1930 पर काॅल कर पूरी जानकारी देनी है।
टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है, इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें। कोई कम्पनी कम लागत में अधिक पैसे कमाने का लालच देती है तो सावधान रहिये ऐसी कंपनी फर्जी होती हैं जो आपका पैसा लेकर कंपनी को बंद कर भाग जाते हैं। ठगों द्वारा फर्जी ऑफिस खोलकर, कम ब्याज दर पर अधिक लोन, बिना किसी कागज के आसानी से लोन दिलवाने हेतु फर्जी विज्ञापन प्रसारित किया जाता है और प्रोसेसिंग फीस के रुप में एकाउंट में रुपये जमा कराके फरार हो जाते है। मोबाइल व सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स के सुरक्षित प्रयोग के बारे में भी बताया गया। छोटी - छोटी बातों को ध्यान में रखकर इंटरनेट प्रयोग किये जाने पर साइबर अपराध के शिकार होने से बचा जा सकता है। जागरूक बनें और अपने धन की स्वयं सुरक्षा करने के सिद्वान्त पर काम करें।
सुरक्षित इंटरनेट प्रयोग करने के महत्वपूर्ण टिप्स
-मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें।
-पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करके अपने पासवर्ड को सुरक्षित रखें।
-दो-कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करके अपने खातों की सुरक्षा बढ़ाएं।
-अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र और अन्य सॉफ़्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट रखें।
-अपने कंप्यूटर पर वायरस स्कैनर का उपयोग करके वायरस और मैलवेयर का पता लगाएं।
-केवल सुरक्षित वेबसाइटों (HTTPS) पर व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें।
-अज्ञात लिंक और ईमेल से बचें, जो आपको व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने के लिए कहते हैं।
-सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें।
-ऑनलाइन लेनदेन करते समय सुरक्षित वेबसाइटों और भुगतान विधियों का उपयोग करें।
-ऑनलाइन गोपनीयता के बारे में जागरूक रहें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं।
-पैरेंटल कंट्रोल का उपयोग करके बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करें।
-बच्चों को केवल सुरक्षित वेबसाइटों पर जाने की अनुमति दें।
-बच्चों को ऑनलाइन दोस्ती बनाने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दें।
-बच्चों को साइबर बुलिंग के बारे में जागरूक करें और उन्हें इसके बारे में बात करने के लिए प्रोत्साहित करें।
-बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के बारे में जागरूक करें और उन्हें इसके लाभों के बारे में बताएं। साइबर बुलिंग और साईबर स्टॉकिंग के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
-ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में कंपनी प्रबंधन और पुलिस को सूचित करें।
-साइबर क्राइम की रिपोर्ट करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1930 का प्रयोग करें।