Gonda News: प्लास्टिक फैक्ट्री की आड़ में हो रहा था मृत पशुओं का कारोबार, ग्रामीणों में आक्रोश

Gonda News: ग्रामीणों को बताया गया कि यहां प्लास्टिक गलाकर उसके दाने बनाए जाएंगे, जिससे उन्हें रोजगार मिलने की उम्मीद जगी। लेकिन जल्द ही फैक्ट्री के आसपास भयानक बदबू फैलने लगी।;

Update:2025-03-02 17:25 IST

प्लास्टिक फैक्ट्री की आड़ में हो रहा था मृत पशुओं का कारोबार, ग्रामीणों में आक्रोश (Photo- Social Media)

Gonda News: गोंडा जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के ग्राम लालेमऊ में एक प्लास्टिक फैक्ट्री के नाम पर बड़े पैमाने पर मृत पशुओं के अवशेषों का निस्तारण किया जा रहा था। इस अवैध गतिविधि से पूरे इलाके में भयंकर दुर्गंध फैल गई, जिससे ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया। मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोग प्रशासन से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

ग्रामीणों को उम्मीद थी रोजगार मिलेगा, मिली बदबू

ग्राम सभा लालेमऊ में कुछ दिन पहले एक फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। ग्रामीणों को बताया गया कि यहां प्लास्टिक गलाकर उसके दाने बनाए जाएंगे, जिससे उन्हें रोजगार मिलने की उम्मीद जगी। लेकिन जल्द ही फैक्ट्री के आसपास भयानक बदबू फैलने लगी। जब ग्रामीणों ने अंदर जाकर देखा तो वहां मृत जानवरों के अवशेष मिले, जिससे हड़कंप मच गया।

भूख से तड़प रहे लोग, खाने में उठ रही दुर्गंध

फैक्ट्री से उठ रही दुर्गंध इतनी ज्यादा हो गई कि लोगों का घर में रहना मुश्किल हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस बदबू के कारण वे भोजन नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें खाना फेंकना पड़ रहा है। जब इस संबंध में फैक्ट्री संचालक से बात की गई तो उसने बताया कि उसे इसका लाइसेंस मिला हुआ है।

गोरखनाथ ठेकेदार के नाम से चल रहा था खेल

जब ग्रामीणों ने फैक्ट्री संचालक से लाइसेंस दिखाने को कहा, तो उसने एक विजिटिंग कार्ड दिखाया, जिस पर "गोरखनाथ ठेकेदार, गद्दोपुर – मृत पशु उठाने के लिए संपर्क करें" लिखा था। इसके अलावा चौरी चौराहे का पता भी दिया गया था। सवाल उठता है कि जब फैक्ट्री का लाइसेंस चौरी चौराहे का था, तो इसे 20 किलोमीटर दूर लालेमऊ में कैसे चलाया जा रहा था?

अधिकारियों को नहीं थी जानकारी, ग्रामीणों ने की शिकायत

जब इस मामले को लेकर उप जिलाधिकारी कर्नलगंज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर और थाना दिवस पर इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

ग्रामीणों के विरोध के बाद फैक्ट्री कर्मी मौके से फरार

रविवार को जब जिलापंचायत सदस्य विवेक सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण फैक्ट्री के विरोध में पहुंचे तो वहां काम कर रहे कर्मचारी धीरे-धीरे भाग गए। मौके पर सिर्फ वह व्यक्ति बचा जिसने अपने खेत में यह फैक्ट्री लगवाई थी। अब ग्रामीण इस फैक्ट्री को हटाने की मांग कर रहे हैं और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।

प्रशासन कब जागेगा?

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिना अनुमति के यह फैक्ट्री कैसे संचालित हो रही थी? और यदि इसे किसी स्तर पर अनुमति दी गई थी, तो संबंधित विभागों ने इसकी निगरानी क्यों नहीं की? ग्रामीण अब इस अवैध फैक्ट्री को बंद करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।

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