Indian Railway: पूर्वोत्तर रेलवे में 200 किमी बची मीटर गेज लाइन इस साल होंगी ब्रॉडगेज, सिर्फ इस लाइन को छोड़कर
Indian Railway: एनई रेलवे में 97 फीसदी बड़ी लाइनें बिछ चुकी हैं। एनई रेलवे में 3470.90 किमी रेलवे लाइन बिछी है। बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड और शाहगढ़-पीलीभीत रेल खंड पर लाइनें अभी भी मीटर गेज की हैं।
Indian Railway: पूर्वांत्तर रेलवे में मीटर गेज की वर्तमान में सिर्फ 200 किमी लाइन बची है। बजट में इन्हें ब्रॉडगेज करने के लिए 34 करोड़ रुपये मिले हैं। यह काम इसी साल पूरा हो जाएगा। ब्रॉड गेज हो जाने से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। पर्यटन के लिए मैलानी-नानपारा को मीटर गेज ही रखे जाने का निर्णय हुआ है। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में मैलानी-नानपारा रेल खंड की 170 किमी लंबी लाइन मीटर गेज की है। यह लाइन दुधवा नेशनल पार्क होकर जाती है। इसे पर्यटन के लिहाज से बेहद अहम है। गोरखपुर से मैलानी तक इस रूट पर एक ट्रेन चलाई जाती है, जिसमें पर्यटक कोच भी लगते हैं। पर्यटन के लिहाज इस मीटर गेज लाइन को नहीं बदलने का निर्णय लिया गया है।
एनई रेलवे में 97 फीसदी बड़ी लाइनें बिछ चुकी हैं। एनई रेलवे में 3470.90 किमी रेलवे लाइन बिछी है। बहराइच-नानपारा-नेपालगंज रोड और शाहगढ़-पीलीभीत रेल खंड पर लाइनें अभी भी मीटर गेज की हैं। इसमें भी इंदारा-दोहरीघाट पर तेजी से काम चल रहा है, वर्ष 2024 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। अन्य दो रूटों पर भी एक वर्ष में काम पूरा होने की उम्मीद है। एनई रेलवे में बची सात रूट की करीब 200 किमी लंबी लाइन के लिए इस बार के बजट में 34 करोड़ रुपये मिले हैं। वर्तमान में जो लाइन ब्रॉडगेज हो रही है उनमें इंदारा-दोहरीघाट, बहराइच-नानपारा और कप्तानगंज-थावे प्रमुख हैं। सिर्फ चार रूटों पर 203 किमी. लंबाई में छोटी लाइनें बची हैं, इसमें 170 किमी लंबी मैलानी-नानपारा लाइन को पर्यटन क्षेत्र में शामिल किया गया है।
130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें
रेल लाइनें मीटर गेज से ब्रॉडगेज में बदल दिए जाने के बाद ट्रेनें 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। एक ओर जहां हाईस्पीड ट्रेनों के दौड़ने से यात्रियों को फायदा मिलेगा। वहीं, मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ने से रेलवे की आय में इजाफा हेगा।
मीटर गेज और ब्रॉडगेज का अंतर समझें
मीटर और ब्रॉडगेज में अंतरमीटर गेज अंग्रेजों के समय की बिछाई गई रेल लाइनें हैं। जब, भाप के इंजन से ट्रेनें चलती थीं। मीटर गेज में दो पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर ही होती है, जबकि ब्रॉडगेज में पटरियों के बीच की दूरी 1.676 मीटर है। ब्रॉडगेज होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी।
गोरखपुर-वाल्मिकीनगर रूट के दोहरीकरण को मिले 310 करोड़ रुपये
अंतरिम बजट में गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रूट के दोहरीकरण के लिए 310 करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, डोमिनगढ़-कुसम्ही तीसरी लाइन और गोरखपुर-नकहा जंगल तीसरी लाइन के लिए भी 18 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा अन्य लाइनों के लिए अच्छा धन बजट में दिया गया है। इस अंतरिम बजट में पूर्वोत्तर रेलवे को कुल 5,813.20 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रूट के दोहरीकरण से बिहार से आने वाली ट्रेनों को सुविधा होगी। इसके अलावा इसी रास्ते मालगाड़ी भी जाती है। इस रूट के निर्माण से कम समय भी लगेगा। साथ ही यह रूट नेपाल को भी जोड़ेगा।