Gorakhpur News: मिशन खिलखिलाहट में कुपोषण से मुक्त हुए 81 बच्चे, CDO से लेकर SDM ऐसे कर रहे हैं प्रयास
Gorakhpur News: मिशन खिलखिलाहट के तहत सुपोषित हुए छह बच्चों के अभिभावकों और उनकी देखभाल करने वाले भागीदारों समेत कुल 39 भागीदारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना के दिशा निर्देशन में पिछले वर्ष शुरू किये गये नवाचार ‘मिशन खिलखिलाहट’ के जरिये 81 बच्चे सुपोषित हो गये हैं। इस नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न विभागों के भागीदारों का प्रजेंटेशन विकास भवन सभागार में बुधवार को किया गया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने मिशन खिलखिलाहट के तहत सुपोषित हुए छह बच्चों के अभिभावकों और उनकी देखभाल करने वाले भागीदारों समेत कुल 39 भागीदारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने जिला पोषण समिति की बैठक दौरान सितम्बर में मनाये जा रहे पोषण माह की गतिविधियों की समीक्षा भी की।
जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा, परियोजना निदेशक नागेंद्र नारायण मिश्र, डीसी एनआरएलएम राजेंद्र प्रसाद सिंह और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र ने भी अभिमुखीकरण सत्र को संबोधित किया और अपने अनुभव साझा किये। इस मौके पर पार्षद उपेंद्र सिंह, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी अंमित सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी धर्मेंद्र पांडेय, सहायक आयुक्त उद्योग रवि कुमार शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) वेद प्रकाश मिश्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह, जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह समेत कुल 39 ऐसे भागीदार सम्मानित हुए जिन्होंने स्वैच्छा से कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाने में मदद किया है।
अधिकारियों ने लिया है 178 कुपोषित बच्चों को गोद
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट के तहत इस समय कुल 178 कुपोषित बच्चों को विभिन्न विभागों के भागीदार गोद लेकर देखभाल कर रहे हैं । इन बच्चों के लिए पोषण पोटली देने के साथ साथ यह भागीदार उनके परिवार से मिल कर फॉलो अप करते हैं। उन्हें परामर्श देकर बच्चे के लिए सम्पूर्ण और सुपोषित खानपान को सुनिश्चित कराया जा रहा है। मिशन खिलखिलाहट के तहत समुदाय स्तर पर सैम (गंभीर तीव्र कुपोषण) और मैम (मध्यम तीव्र कुपोषण) से ग्रसित बच्चों को स्वेच्छा से गोद लेकर उन्हें पूर्णतः स्वस्थ और सुपोषित होने तक अपनी निगरानी में चिकित्सकीय और पोषण सेवाएं प्रदान करवाना होता है। साथ ही पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का कुपोषण से बचाव, कुपोषण दर में कमी लाने के लिए पोषण संबंधी व्यवहारों के प्रति जागरूकता लाना और विभागीय सेवाओं को सुदृढ़ करना भी इसका उद्देश्य है।
विश्वविद्यालय भी बना भागीदार
डॉ. मिश्र ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण ने भी करीब 20 बच्चों को गोद लेने का निर्णय लिया है। विश्विद्यालय की शिक्षक प्रो.दिव्या रानी सिंह ने इसके लिए अभिमुखीकरण कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया ।
हुआ अन्नप्राशन और गोदभराई
कार्यक्रम के दौरान दो बच्चों का अन्नप्राशन और एक गर्भवती की गोदभराई भी की गई। साथ ही हैलो डॉक्टर दीदी कार्यक्रम के बारे में भी चर्चा हुई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिये 07878781003 नंबर पर फोन कर पोषण और स्वच्छता के लिए शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों की माताओं को जोड़ने पर बल दिया गया। इस अवसर पर यूनिसेफ के मंडलीय प्रबंधक सुरेश तिवारी, डॉक्टर दीदी कार्यक्रम के प्रभारी अरविंद सिंह और यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम समेत विभिन्न ब्लॉक के बीडीओ, सीडीपीओ और मुख्य सेविका मौजूद रहीं।