Gorakhpur News: नेपाल से लेकर बिहार तक के श्रद्धालु, सर्द सुबह में दिखी आस्था की गर्माहट
Gorakhpur News: शिवअवतारी गोरक्षनाथ बाबा के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मंगलवार की सुबह आस्था का जनसैलाब उमड़ा दिख रहा है।;
Gorakhpur News: शिवअवतारी गोरक्षनाथ बाबा के गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मंगलवार की सुबह आस्था का जनसैलाब उमड़ा दिख रहा है। पूर्वांचल के साथ ही बड़ी संख्या में नेपाल, बिहार, दिल्ली से लेकर गुजरात से श्रद्धाजु गोरखनाथ बाबा को आस्था की खिचड़ी चढ़ा रहे हैं। सर्द में आस्था की गरमाहट साफ दिख रही है। महिलाएं सिर पर गठरी लेकर मंदिर की तरफ तेज कदमों से बढ़ती दिख रही है।
गोरखनाथ मंदिर में घुसते ही भीड़ का रेला, सुरक्षाकर्मियों की चहलकदमी और रंग बिरंगी झालरों से नहा रही मंदिर की झलक बेहद खूबसूरत दिखती है। सुरक्षा व्यवस्था के बीच खिचड़ी तो वढ़ रही है, बेरोक-टोक फोटो खींचने से लेकर रील बनाने में युवा और युवतियां जुटे हुए दिखते हैं। यात्री निवास के गेट पर संस्कृत विद्यालय के छात्र पुरी मुस्तैदी से श्रद्धालुओं को यह बता रहे थे कि यात्री निवास भर गया है। हिंदू सेवा आश्रम में रुकने की व्यवस्था की गई है। यात्री निवास में भीड़ बढ़ने के बाद श्रद्धालुओं को हिंदू सेवा आश्रम, पर्यटक सुविधा केंद्र और संस्कृत विद्यालय में किया गया है। भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बरगदवा इंडस्ट्रियल एरिया में ही वाहनों के रोकने के इंतजाम किए थे। श्रद्धालु शाम होते ही ट्रैक्टर ट्रॉली से लेकर बस, ऑटो, जीप, कार आदि से आने लगे। पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर महिलाएं और पुरुष सिर पर गठरी रखकर बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के लिए पैदल चलते दिखाई दिए।
एक बार हाजिरी लगाई तो बार-बार आने लगे
बाबा गोरक्षनाथ के आस्था के रंग ऐसे हैं कि जो एक बार दरबार में हाजिरी लगाया। बार बार आता है। देवरिया के रामतीर्थ यादव में यात्री निवास में अपने परिवार के साथ खिचड़ी चढ़ाने आए थे। उनके साथ पत्नी, उनका पोता, बेटा, बहू थी। बताते हैं कि जब वह 13-14 साल की उम्र थी, तब से खिचड़ी चढ़ाने आ रहा हूं। नेपाल के महेश चंद ने बताया कि 1972 से लगातार खिचड़ी चढ़ा रहा हूं। अब मेरी तीसरी पीढ़ी भी पिछले तीन चार सालों से साथ आ रही हैं। बिहार के समस्तीपुर निवासी रंगीली बताती हैं कि बाबा के दरबार में मन्नत मानी और बेटा हो गया। अब वह हर साल आ रही है। बस्ती से आई रीता श्रीवास्तव बताती है कि वह पिछले सात सालों से आ रही हैं। इन सात सालों में बाबा के आशीर्वाद से हर वह मुराद पूरी हो गई, जिसको मैंने बाबा के दरबार में मांगा था।