Gorakhpur News: कौन हैं मुख्तार के गुर्गे का एनकाउंटर करने वाले डिप्टी एसपी डीके शाही, कैसे बने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट

Gorakhpur News: सब इस्पेक्टर से नौकरी शुरू करने वाले डीके शाही आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी तक पहुंच चुके हैं। डिप्टी एसपी डीके शाही के नाम से माफिया कांपते हैं।;

Update:2025-03-31 08:32 IST

Gorakhpur News (Image From Social Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले डिप्टी एसपी डीके शाही मुख्तार अंसारी के पांच साल से फरार गुर्गे के एनकाउंटर के बाद सुर्खियों में हैं। झारखंड के जमशेदपुर में हुए एनकाउंटर में डीके शाही बांह में गोली लगने से वह घायल हो गए हैं। हालांकि, खतरे से बाहर हैं। देवरिया के रहने वाले डिप्टी एसपी अभी तक 50 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं। सब इस्पेक्टर से नौकरी शुरू करने वाले डीके शाही आउट ऑफ टर्म प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी तक पहुंच चुके हैं। डिप्टी एसपी डीके शाही के नाम से माफिया कांपते हैं।

यूपी एसटीएफ में डिप्टी एसपी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चित धर्मेश कुमार शाही मुख्तार अंसारी के शार्प शूटर अनुज कन्नौजिया का झारखंड के जमशेदपुर में एनकाउंटर करने के बाद एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। देवरिया जिले के कारखाना विकास खंड क्षेत्र के नौतन निवासी धर्मेश कुमार शाही ने प्रारंभिक शिक्षा जिले में पूरी की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए और लखनऊ विवि से एलएलबी की पढ़ाई की। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर की नौकरी की शुरुआत की और गोंडा जिले में उनकी पहली तैनाती हुई। लखनऊ में पोस्टिंग होने के बाद डीके शाही ने अपराधियों के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी। सरकार ने वर्ष 2010 में डीके शाही को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया तो उनका उत्साह और बढ़ गया। फिर कुशीनगर जंगल पार्टी के डकैत रूदल यादव को मुठभेड़ के दौरान कुशीनगर में ही उस समय मार गिराया, जब वह कहीं डकैती डालने जा रहा था। इंस्पेक्टर बनने के बाद सिवान के सुनील शर्मा, सलीम गैंग के शूटर रुस्तम, नरेश भाटी, शमीम आदि बदमाशों को ठिकाने लगाया। प्रदेश सरकार ने प्रमोशन का उन्हें दूसरा इनाम दिया और वर्ष 2018 में वह सीओ बन गए।

सुल्तान के एनकाउंटर के बाद चर्चा में आए डीके शाही

डीके शाही पहली बार वर्ष 2004 में दो सिपाहियों की हत्या कर फरार चल रहे एक लाख के इनामी बदमाश देवेंद्र उर्फ सुल्तान को अमरोहा से गिरफ्तार कर चर्चा में आए। वर्ष 2005 में जौनपुर के बदमाश राकेश प्रधान और सुभाष ठाकुर के गुर्गे धीरज सिंह को हजरतगंज में मुठभेड़ में ठिकाने लगाया। वर्ष 2006 में हरदोई के इनामी अपराधी चमन सिद्दीकी, ग्वालियर के बदमाश सोनू, मोनू चौहान को लखनऊ में, वर्ष 2007 में बिहार, यूपी,मध्य प्रदेश में आतंक का पर्याय बने पुष्पराज यादव को गोरखपुर में, दो सिपाहियों की हत्या करने के आरोपी संतोष पांडेय को रायबरेली में, वर्ष 2008 में संतकबीर नगर में रामधनी शर्मा को, वर्ष 2010 में मुंबई में आजमगढ़ के इनामी दिलीप यादव व बटलर राय को महराजगंज में तथा रिंकू सिंह और योगेंद्र को बाराबंकी में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। डीके शाही के एनकाउंटर पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। सुल्तानपुर डकैती कांड में शाही द्वारा मंगेश यादव का एनकाउंटर करने पर जमकर चर्चा हुई थी। पूर्व सीएम एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाया था। डकैती कांड के आरोपी मंगेश पर एक लाख का इनाम घोषित हुआ था।

पत्नी रितु हैं भाजपा महिला मोर्चा में क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष

डीके शाही की पत्नी रितु शाही भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष हैं। प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य महिला आयोग का सदस्य नियुक्त किया है।

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