Gorakhpur: अचानक छज्जा गिरने से चपेट में आईं दो महिलाओं की मौत, मासूम बच्चा भी गंभीर, लापरवाही आई सामने
Gorakhpur News: परिजनों ने सभी घायलों को पीपीगंज के एक निजी अस्पताल में इलाज को ले गए। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज कर उन्हें बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान दोनों महिलाओं ने दम तोड़ दिया।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रविवार (03 दिसंबर) पीपीगंज नगर पंचायत में एक जर्जर मकान का छज्जा गिरने से पड़ोस में रहने वाली दो महिलाओं की मौत हो गई। वहीं, एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। महिलाओं के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम भेजने की तैयारी में है। परिवार के लोगों ने इलाज को लेकर लापरवाही का आरोप लगाया है।
कैसे हुआ हादसा?
पीपीगंज नगर पंचायत के वार्ड नंबर- 19 निवासी रोशन अली अपने जर्जर मकान का पिछला हिस्सा हथौड़ी से तोड़ रहे थे। इसी दौरान अचानक छज्जा का बड़ा हिस्सा गिर गया। इसकी चपेट में धूप सेंक रही, तैयब अली की 45 वर्षीय महिला जाकरुन निशा व झीनक की पत्नी कैसर (36 वर्ष) जहां और उनका एक वर्ष का मासूम बच्चा हसनैन चपेट में आ गए। लोगों ने मलबा हटाया तो दोनों महिलाओं समेत मासूम खून से सने हुए थे।
BRD मेडिकल कॉलेज में चल रहा इलाज
परिजनों ने सभी घायलों को पीपीगंज के एक निजी अस्पताल में इलाज को ले गए। जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक इलाज कर उन्हें बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (Baba Raghav Das Medical College) में इलाज के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दोनों महिलाओं ने दम तोड़ दिया। वहीं, मासूम बच्चे का इलाज किया जा रहा है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जर्जर मकान पर सरकार बेपरवाह
नगर निगम हो या नगर पंचायत की लोकल सरकार जर्जर मकानों को लेकर लापरवाह हैं। गोरखपुर में 200 से अधिक जर्जर मकानों के मालिकों को निगम प्रशासन नोटिस भी नहीं दे सका है। पिछले बारिश में आर्य नगर में एक जर्जर मकान गिरने से तीन लोग घायल हो गए थे। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि जर्जर मकानों को नये सिरे से नोटिस भेजा जाएगा। कई मामले कोर्ट में लंबित हैं, ऐसे में दिक्कत सामने आ रही है।