Gorakhpur News: चुनावी भागदौड़ के बीच गोरखनाथ मंदिर पहुंचे CM योगी, गोशाला में की गोसेवा
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री ने गोवंश को खूब दुलारा और उसे तथा गेट के अंदर मौजूद गायों को गुड़ खिलाया। उन्होंने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली।;
चुनावी भागदौड़ के बीच गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की गोसेवा: Video- Newstrack
Gorakhpur News: लोकसभा चुनाव के दायित्वों की व्यस्तता के बीच गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोसेवा में रमे रहे। गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में जाकर उन्होंने गोवंश का हाल जाना और उन्हें अपने हाथों से रोटी-गुड़ खिलाया।
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोशाला भ्रमण और गोसेवा सीएम योगी की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। शुक्रवार सुबह भी मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन करने, अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सीएम योगी गोशाला में पहुंचे और वहां कुछ समय व्यतीत किया। गोशाला में उन्होंने चारों तरफ भ्रमण करते हुए श्यामा, गौरी, गंगा, भोला आदि नामों से गोवंश को पुकारा। सीएम योगी की आवाज इन गोवंश के लिए जानी पहचानी है। प्यार भरी पुकार सुनते ही कई गोवंश दौड़ते-मचलते हुए उनके पास आ गए। सीएम योगी ने सभी के माथे पर हाथ फेरा, उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से उन्हें रोटी और गुड़ खिलाया।
इस दौरान एक गोवंश एक छोटे से गेट के बाहर खड़ा था जबकि कुछ गाय गेट के अंदर की तरफ थीं। इस पर सीएम ने उसके मनोभाव को समझते हुए कहा -तेरी माई वहां है क्या। फिर उन्होंने गोवंश को खूब दुलारा और उसे तथा गेट के अंदर मौजूद गायों को गुड़ खिलाया। मुख्यमंत्री ने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली और गर्मी के मौसम में विशेष देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए।
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गर्मी में वोटिंग बढ़ाने को दिया था मंत्र
गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर, बांसगांव व संतकबीरनगर लोकसभा के लिए भाजपा की चुनाव संचालन समितियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक में चुनाव जीतने का मंत्र दिया था। सीएम ने कहा था कि बूथ जितना मजबूत होगा, परिणाम भी उतना ही जबरदस्त आएगा।
बूथ को जीतना ही चुनाव जीतने का सबसे कारगर फॉर्मूला है। चुनाव और युद्ध को कभी आसान नहीं समझना चाहिए। इसलिए हमें अति आत्मविश्वास से बचते हुए कार्य करना होगा। सिर्फ आंकड़ों पर विश्वास करके निश्चिंत नहीं बैठना है बल्कि लोकसभा चुनाव में वोट और बूथ केंद्रित व्यवस्था पर अधिक ध्यान देना है। बूथ समिति, पन्ना प्रमुख और सामाजिक टोली भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। बूथ समिति के पास संबंधित बूथ के एक एक वोटर का ब्योरा होना चाहिए। पन्ना प्रमुखों का उस ब्योरे के अनुरूप मतदाता से व्यक्तिगत संपर्क और संबंध होना चाहिए। हर मतदाता से अधिकाधिक और बारंबार संपर्क होना चाहिए। बूथ क्षेत्र में जितने घर हैं, उनसे संपर्क करें।