Gorakhpur News: नौ फीट की छलांग लगा रहा बहराइच का आदमखोर भेड़िया, आम लोगों के दीदार के लिए सीएम इन्हें बाड़े में छोड़ेंगे
Gorakhpur News: गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) प्रदेश के खतरनाक जानवरों का सुधारगृह बना हुआ है। पीलीभीत के बाघ के साथ ही बहराइच का आदमखोर यहां रखे गए हैं। बहराइच से रेस्क्यू कर लाए गए आदमखोर भेड़िए क्राल में जाने के बाद नौ फीट की छलांग लगा रहे हैं।;
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) प्रदेश के खतरनाक जानवरों का सुधारगृह बना हुआ है। पीलीभीत के बाघ के साथ ही बहराइच का आदमखोर यहां रखे गए हैं। बहराइच से रेस्क्यू कर लाए गए आदमखोर भेड़िए क्राल में जाने के बाद नौ फीट की छलांग लगा रहे हैं। इसे देखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन इन भेड़ियों के बाड़े की चहारदीवारी को 11 फीट ऊंचा कराने का फैसला लिया है।
चिड़ियाघर प्रशासन को डर है कि भेड़िया चहारदीवारी को फांदकर ये बाहर आ सकते हैं। केंद्रीय जू अथॉरिटी के नियमानुसार बाड़े के नौ से साढ़े नौ फिट की होनी चाहिए। फिलहाल भेड़िया क्वारंटीन सेंटर में रखा गया है। इन भेड़ियों को मुख्यमंत्री के हाथों एक से दो दिनों के अंदर दर्शकों के लिए बाड़े में छोड़ा जाएगा। यहां आने के बाद दोनों जंगली भेड़ियों ने बाहर निकलने की पूरी कोशिश की। यहां तक की मिट्टी को हटाकर माद बनाकर निकलने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। इसके बाद दोनों ने आठ से नौ फिट छलांग लगाकर क्राल की चहारदीवारी पार करने की पूरी कोशिश की। इस बीच चिड़ियाघर प्रशासन को यह डर हो गया कि जू अथॉरिटी के नियमों के आधार पर बनाई गई चहारदीवारी को पार न कर जाए। क्योंकि, यह करीब नौ से साढ़े नौ फीट के आसपास है। चिड़ियाघर के उप निदेशक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि दोनों भेड़िए पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनका व्यवहार भी बदल गया है। दोनों को बहुत जल्द बाड़े में छोड़ने की तैयारी है। इनकी छलांग को देखते हुए केंद्रीय जू अथॉरिटी से परमिशन लेने के बाद इनके बाड़े के चारों तरफ की चहारदीवारी को 11-11 फीट उंचा कराया गया है, जिससे की अगर ये छलांग लगाएं, तो पार न कर सकें।
दो भेड़िये रेस्क्यू कर लाए गए
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में भेड़िए का बाड़ा काफी समय से खाली था। इस बीच बहराइच से दो आदमखोर भेड़िये रेस्क्यू कर लाए गए। इसमें नर भेड़िया को पिछले साल 29 अगस्त और मादा भेड़िया को 10 सितंबर को लाया गया था। शुरुआत में इन दोनों को अलग-अलग सेल में रखा गया। जब ये शांत हुए तो दोनों को एक साथ रख दिया गया। चिड़ियाघर प्रशासन इन्हें बाड़े में छोड़ने से पहले नाइट सेल के पीछे क्राल में छोड़ दिया था।