Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय में महाविद्यालय विकास परिषद का होगा गठन, एकीकृत विकास के लिए नीति बनाएगा परिषद
Gorakhpur News: कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यूजीसी द्वारा प्रत्येक सम्बद्धता देने वाले विश्वविद्यालय के लिए एक कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (सीडीसी) की स्थापना की सिफारिश की गई है।
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के सुचारु रूप से संचालन, संबद्धता, और समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए महाविद्यालय विकास परिषद (सीडीसी) की स्थापना का फैसला लिया है। महाविद्यालय विकास परिषद की स्थापना के प्रस्ताव को कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय की कार्य परिषद् ने मंजूरी दे दी है। इससे महाविद्यालयों में एकीकृत विकास के लिए नीति बनेगी। जिससे महाविद्यालयों में भी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यूजीसी द्वारा प्रत्येक सम्बद्धता देने वाले विश्वविद्यालय के लिए एक कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (सीडीसी) की स्थापना की सिफारिश की गई है। सीडीसी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार काम करेगा, उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय नीतियों के अनुरूप कॉलेजों में गुणवत्ता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करेगा। यह एक महत्वपूर्ण नीति-निर्माता निकाय के रूप में कार्य करेगा, जो रणनीतिक रूप से योजना बनाएगा और विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के एकीकृत विकास की देखरेख करेगा। इसके साथ ही सीडीसी एक अकादमिक मार्गदर्शक के रूप में भी काम करेगा और विश्वविद्यालय, विभागों, अकादमिक संकायों और कॉलेजों में शिक्षकों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी।
ये होंगे महाविद्यालय विकास परिषद के मुख्य कार्य
महाविद्यालय विकास परिषद के प्रमुख कार्यों में नवीन महाविद्यालयों की स्थापना व समग्र विकास, संबद्ध महाविद्यालयों का सर्वेक्षण कर प्रोफाइल अपडेट करना, यूजीसी व अन्य संबंधित निकायों से बहुमूल्य जानकारियों का आदान प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, सीडीसी महाविद्यालय के साथ निकट संपर्क बनाए रखेगा और उनके उचित विकास, शिक्षक चयन, छात्र सुविधाओं व परीक्षा में सुधार, पाठ्यक्रम पुनर्गठन और शैक्षिक प्रासंगिकता जैसे अन्य पहल शामिल हैं।
एकीकृत व्यवस्था नहीं होने से होती है दिक्कत
महाविद्यालय विकास परिषद जैसी संरचना नहीं होने से विवि प्रशासन को दिक्कत होती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध 204 महाविद्यालयों को पिछले सत्र में परीक्षा विभाग से नोटिस जारी किया गया था। कॉलेजों द्वारा प्रायोगिक, मौखिक या आंतरिक के अंक पोर्टल पर अपलोड नहीं करने पर परीक्षा परिणाम घोषित करने में देरी हुई थी। इसे देखते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने 334 कालेजों को नोटिस भेजा गया था।