Gorakhpur: लोकसभा चुनाव में संजीवनी मिली नहीं कि कांग्रेस की कलह सतह पर आ गई, मुख्यमंत्री के गढ़ में घमासान

Gorakhpur News: बांसगांव से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता गया प्रसाद ने निष्कासन को लेकर प्रतिक्रिया दी तो घमासान मच गया है।

Update: 2024-07-24 02:56 GMT

लोकसभा चुनाव में संजीवनी मिली नहीं कि कांग्रेस की कलह सतह पर आ गई  (photo: social media )

Gorakhpur News: सपा के गठबंधन से लोकसभा चुनाव में लंबे समय बाद कुछ बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के इतर सिर फुटौव्वल मचा हुआ है। बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले गया प्रसाद के निष्कासन के बाद आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। गया प्रसाद जहां यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पार्टी के घोषित उम्मीद सदल प्रसाद के खिलाफ कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान के कहने पर चुनाव लड़ा था। वहीं, कांग्रेस जिलाध्यक्ष इसे सिरे से खारिज करते हुए साजिश का आरोप मढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में कांग्रेस में मचे घमासान के बीच लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या कांग्रेस ऐसे ही अंर्तविरोधों के बीच विधानसभा चुनाव में जाएगी?

बांसगांव से लोकसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता गया प्रसाद ने निष्कासन को लेकर प्रतिक्रिया दी तो घमासान मच गया है। उन्होंने कहा कि निष्कासन के पूर्व ना तो मुझे कोई जवाब तलब किया गया ना मेरा पक्ष जाना गया। यह कार्रवाई नितांत एक तरफ है। श्री प्रसाद ने कहा कि लोकसभा चुनाव मैं बांसगांव सीट से टिकट मांग रहा था। पूर्व मंत्री सदल प्रसाद के समर्थन में प्रचार करने लगा। इसी दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने मुझे चुनाव लड़ने को प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया कि वह यह बात शीर्ष नेतृत्व के संदेश के आधार पर कह रही हैं। चुनाव परिणाम को दो महीने गुजर गए। इस दौरान कोई नोटिस हमें नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बीते 20 जुलाई को राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल गोरखपुर में थे। उनसे मैंने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। अब मेरे निष्कासन की सूचना मीडिया से मिली है। श्री प्रसाद ने कहा कि पूरे प्रकरण को लेकर जल्द प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से लेकर श्रीमती प्रियंका गांधी से मुलाकात करुंगा।

गया प्रसाद के मिले वोट से कांग्रेस उम्मीदवार को मिली हार

बांसगांव में बागी हुए गया प्रसाद ने भाजपा के कमलेश पासवान के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उन्हें 6638 वोट मिले। वहीं कमलेश पासवान और कांग्रेस प्रत्याशी सदल प्रसाद के बीच महज 3150 वोटों का अंतर था। ऐसे में कहा जा रहा है कि गया प्रसाद चुनाव नहीं लड़ते तो कांग्रेस को बांसगांव में जीत मिल जाती है। जबके कमलेश पासवान को केन्द्र सरकार में मंत्री बनाया गया है। कांग्रेसियों में हार की टीस बढ़ गई है।

सरासर झूठ बोल रहे हैं गया प्रसाद

कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि गया प्रसाद सरासर झूठ बोल रहे हैं। उन्हें तो चुनाव लड़ने से कई बार रोका गया था। कांग्रेस की समर्पित कार्यकर्ता हूं। विरोध के बारे में सोच भी नहीं सकती। पूरे मामले में साजिश करने वालों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष हटाए प्रदेश नेतृत्व

कांग्रेसी नेता गया प्रसाद के निष्कासन से नाराज कांग्रेस अनुसूचित विभाग के जिलाध्यक्ष मनीष कुमार गौतम ने जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान पर आरोप लगाया है। श्री गौतम ने कहा कि गया प्रसाद का निष्कासन असंवैधानिक है। गया प्रसाद के चुनाव लड़ने की जानकारी जिलाध्यक्ष ने प्रदेश अध्यक्ष को नहीं दी। प्रदेश नेतृत्व को जिलाध्यक्ष से जवाब मांगना चाहिए। श्री गौतम ने कहा यदि 15 दिन के अंदर जिलाध्यक्ष को नहीं हटाया जाता है तो जिला कांग्रेस कमेटी अनुसूचित विभाग सामूहिक इस्तीफा देगी।

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