Gorakhpur: एम्स के रिसर्च में कोरोना के टीके का एक और दुष्प्रभाव, बिगड़ गया महिलाओं का मासिक चक्र
Gorakhpur News: करीब छह फीसदी महिलाओं के मासिक चक्र में गड़बड़ी हुई। रक्तस्राव अधिक हुआ तो अन्य दिक्कतें भी बढ़ गईं। रिसर्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान्यता दे दी है।
Gorakhpur News: कोरोना के बचाव के लिए लगे कोविशील्ड और कोवैक्सीन के दुष्प्रभावों की चर्चाओं के बीच टीके से महिलाओं के मासिक चक्र में गलत प्रभाव का रिसर्च सामने आया है। यह शोध गोरखपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ देश के छह एम्स के डॉक्टरों ने मिलकर किया है। शोध से साफ हुआ है कि टीका लगने के बाद करीब छह फीसदी महिलाओं के मासिक चक्र में गड़बड़ी हुई। रक्तस्राव अधिक हुआ तो अन्य दिक्कतें भी बढ़ गईं। रिसर्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मान्यता दे दी है।
गोरखपुर सहित देश के छह एम्स में 5709 महिलाओं पर कोरोना टीके के प्रभाव का अध्ययन किया गया। इनमें से 78.2 महिलाओं को कोविशील्ड और 21.8 महिलाओं को कोवैक्सीन की दो डोज लगी हुई थी। गोरखपुर एम्स के फिजियोलॉजी विभाग की डॉ. चारुशीला रुकादिकर ने रिसर्च किया है। डॉ. चारुशीला ने बताया कि ऐसी महिलाओं को चुना गया जिनका मासिक चक्र 28 से 38 दिन के समय अंतराल पर आता है। इनमें 333 महिलाओं में टीका लगने के बाद मासिक चक्र में गड़बड़ी मिली। यह रिसर्च 2022-23 में गोरखपुर के साथ ही बीबीनगर, भोपाल, नागपुर, कल्यानी और मंगलागिरी एम्स में की गई। रिसर्च पेपर हाल में अंतरराष्ट्रीय जनरल पबमेड में प्रकाशित हुआ है। वैक्सीन के दूरगामी दुष्प्रभाव का आंकलन करने के लिए अब दूसरे चरण की रिसर्च जल्द शुरू होगी। इस रिसर्च को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के प्रभाव के तौर पर स्वीकार किया है।
मासिक चक्र के दौरान महिलाओं में होने लगा अधिक रक्तस्राव
डॉ. चारुशीला ने बताया कि मासिक चक्र के दौरान 721 महिलाओं ने नए लक्षणों की समस्या बताई। इन महिलाओं को मासिक चक्र के पूर्व या बाद में शरीर में कमजोरी, सिरदर्द, बदन दर्द जैसे लक्षण सामने आए। रिसर्च के दौरान सामने आया कि मासिक चक्र के दौरान 301 महिलाओं में रक्तस्राव की मात्रा में परिवर्तन हुआ। करीब 51 फीसद में रक्तस्राव की मात्रा बढ़ गई जबकि 48 फीसद में कम हुई।