DDU News: छात्रों को बढ़ानी होगी अपनी लीडरशिप क्वॉलिटी: कुलपति

Gorakhpur News: कुलपति ने कहा कि मैं यहाँ जॉइन करने के बाद से ही नियमित सायं चार से पाँच छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएँ सुनती हूँ और समाधान का हर संभव प्रयास किया जाता है। किंतु इसके साथ ही यह ज़रूरी है कि हमारा यंग माइंड समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करें और जहाँ तक संभव हो स्वयं भी समाधान का प्रयास करें।

Written By :  Durgesh Sharma
Update:2023-11-08 22:39 IST

DDU VC Prof. Poonam Tandon (Pic:DDU)

Gorakhpur News: विश्वविद्यालय छात्र की पहचान बनाता है। जिस प्रकार माता पिता का नाम आजीवन व्यक्ति के साथ जुड़ा रहता है उसी प्रकार विश्वविद्यालय की पहचान छात्रों से स्थाई रूप से जुड़ी रहती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय का एक गौरवशाली अतीत रहा है और इस गौरवशाली अतीत की गरिमा को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी छात्रों की है। छात्रों की योग्यता और क्षमता से विश्वविद्यालय की गरिमा बढ़ती है। यहाँ के छात्रों में अपार संभावनाएँ हैं, उन्हें सही दिशा देने की ज़रूरत है। यह उपरोक्त बातें डीडीयू के अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा आयोजित नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए दीक्षा भवन में आयोजित दीक्षारंभ अभिमुखता कार्यक्रम परिसंवाद में छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने दिया।

कुलपति ने कहा कि मैं यहाँ जॉइन करने के बाद से ही नियमित सायं चार से पाँच छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएँ सुनती हूँ और समाधान का हर संभव प्रयास किया जाता है। किंतु इसके साथ ही यह ज़रूरी है कि हमारा यंग माइंड समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करें और जहाँ तक संभव हो स्वयं भी समाधान का प्रयास करें। सभी छात्रों के भीतर कर्तव्य बोध होना चाहिए।

कुलपति ने छात्रों को दिए प्रेरणास्पद सुझाव

क्लीन कैंपस ग्रीन कैंपस के तहत सफ़ाई की बनें सोंच

सभी छात्र अपने स्तर से अपने आसपास और हॉस्टल में सफ़ाई के प्रति रहें जागरूक और स्वयं भी करें प्रयास।

यंग माइंड के कंट्रीब्यूशन पर ज़ोर

कुलपति ने छात्रों को यंग माइंड बताते हुए कहा कि आपको नवाचार करते हुए सोंचना होगा कि पढ़ाई के साथ क्या योगदान कर सकते हैं।


विश्वविद्यालय में तय होता है भाग्य

छात्र लाइफ में क्या बनेंगे, उनके जीवन का लक्ष्य क्या है, यह विश्वविद्यालय से तय होता है। विश्वविद्यालय से ही छात्र का भाग्य तय होता है।

स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ सबसे बड़ी ताक़त

गोरखपुर विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ यहाँ के स्टूडेंट्स हैं। पूरे प्रदेश में ऐसी छात्र क्षमता कहीं नहीं है। यहाँ के विद्यार्थियों में बड़ी संभावनाएँ हैं।


पढ़ाई के साथ खेल पर भी जोर

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। हमारे पास ऐसी बहुत से जगहें हैं जहाँ हमारे छात्रों को वर्कआउट करना चाहिए। स्वास्थ्य के उन्हें पढ़ाई के साथ मैदान पर भी बराबर होना चाहिए।

संवाद से हल होगी हर समस्या

संवाद के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी की समस्या का समाधान किया जायेगा। विवि के सभी विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। सकारात्मक माहौल का प्रयास किया जा रहा है।


नैक ए प्लस प्लस ग्रेड से बढ़ा महत्व

नैक में अच्छे ग्रेड का परिणाम आगे के छात्रों को मिलेगा। इससे हमारी डिग्री की वैल्यू बढ़ी।

सामाजिक ज़िम्मेदारी भी होगी निभानी

छात्रों को अपने आस पास को लेकर भी जागरूक होकर समस्याओं का समाधान ढूँढना होगा। स्वच्छता अभियान से इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अनुभूति दूबे ने औपचारिक रूप से सभी अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा का उल्लेख करते हुए छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं को विस्तार पूर्वक बताया और कहा कि जैसा कुलपति मैडम का विजन है इस कार्यक्रम के विभिन्न आयाम हैं उनमें से एक है आपका अपने विश्वविद्यालय से रूबरू होना, अपने प्रोग्राम, क्रेडिट, परीक्षा प्रणाली, के बारे में जानकारी देना। दूसरी ओर आपको यह बताना कि आपके विश्वविद्यालय में क्रीड़ा परिषद , डेलिगेसी, सेक्ससुअल हैरिसमेंट सेल, एन एस एस, रोवर्स रेंजर्स, एन सी सी, एंटी रैगिंग सेल, केन्द्रीय ग्रंथालय, किसी विद्यार्थि के मानसिक समस्या के समाधान के लिए मनोविज्ञान विभाग में काउंसलिंग सेंटर , स्वास्थ्य केंद्र जैसे अनेक व्यवस्थाएं हैं जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास करने में सहायक हैं।


इससे पूर्व प्रो. दूबे ने विश्विद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया कि आज गोरखपुर विश्वविद्यालय का छात्र विश्व के कोने कोने में ऊँचे ऊँचे ओहदे पर है। उन्होंने यहाँ के पुरातन छात्र माननीय राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री भारत सरकार का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में उपस्थित अधिष्ठाता कला संकाय प्रो कीर्ति पांडेय, अधिष्ठाता विधि संकाय प्रो अहमद नसीम, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो अजय सिंह, अधिष्ठाता वाणिज्य संकाय प्रो श्रीवर्धन पाठक, निदेशक इंजिनियरिंग विभाग प्रो रविशंकर सिंह, निदेशक कृषि विभाग प्रो शरद मिश्रा, चीफ वार्डन प्रो शिवकांत सिंह ने अपने संकाय से संबंधित उपलब्धियों, उसके इतिहास और कोर्सेज के प्रारूप और महत्व पर प्रकाश डाला।

Tags:    

Similar News