Gorakhpur News: वन्यजीव और पर्यावरण से जुड़ी फिल्में देख रोमांचित हुए बच्चे, पुरस्कारों ने उत्साह को दोगुना किया

Gorakhpur News: गोरखपुर में 10 से 16 जनवरी तक चलने वाले गोरखपुर महोत्सव में योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह एवं संस्कृति केंद्र में तीन दिवसीय फिल्मोत्सव का शुक्रवार को उद्घाटन हुआ।;

Update:2025-01-11 09:38 IST

gorakhpur film fest news (social media)

Gorakhpur News:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 10 से 16 जनवरी तक चलने वाले गोरखपुर महोत्सव में योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह एवं संस्कृति केंद्र में तीन दिवसीय फिल्मोत्सव का शुक्रवार को उद्घाटन हुआ। फिल्मोत्सव में 11 जनवरी को भी फिल्मों का प्रदर्शन हो रहा है। फिल्मोत्सव में प्रतिभागी बच्चों का उत्साह देखते हुए बन रहा है। वन्यजीव और पर्यावरण से जुड़ी फिल्मों को देखकर बच्चे रोमांचित हैं। विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग के बाद मिले पुरस्कारों ने उनके उत्साह को डबल कर दिया है।

फिल्मोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर सांसद फिल्म अभिनेता रवि किशन शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण और जैव विविधिता के प्रति छात्रों को जागरुक करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को वन्यजीव और पर्यावरण पर आधारित फिल्मों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया चाहिए। हेरिटेज फाउंडेशन, गोरखपुर वन प्रभाग और शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणी उद्यान का वाइल्ड लाइफ फिल्मोत्सव केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लोगों को जोड़ने और जागरूकता फैलाने का मंच है। उन्होंने प्रदर्शन के लिए फिल्में उपलब्ध कराने के लिए प्रख्यात पर्यावरणविद् संरक्षणकर्ता माइक हरगोविंद पाण्डेय का आभार व्यक्त किया।


चिड़ियाघर के निदेशक डीएफओ गोरखपुर वन प्रभाग विकास यादव ने बताया कि फिल्मोत्सव के क्रम में आयोजित क्विज में अब तक 800 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया है, जिन्हें शुक्रवार को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में प्रशिक्षु आईएफएस वेंकटा श्री कर, उप निदेशक प्राणी उद्यान योगेश प्रताप सिंह, हेरिटेज ट्रस्टी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अनिल कुमार तिवारी, मनीष चौबे, एसडीओ डॉ हरेंद्र सिंह, रेंजर दिनेश कुमार चौरसिया, पशु कल्याण कार्यकर्ता शिवेंद्र यादव, हेरिटेज वारियर्स सत्यांश सिंह, सूरज साहनी, कमलेश समेत अन्य उपस्थित रहे। हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कहा कि फिल्मोत्सव युवा पीढ़ी को पर्यावरणीय मुद्दों से जोड़ने के लिए प्रभावी माध्यम है।


इन विद्यालयों के बच्चों ने किया प्रतिभाग

फिल्मोत्सव में वुडलैंड एकेडमी रजही, गोरखपुर पब्लिक स्कूल, जनता इंटर कॉलेज चरगावा, सेंट पाल स्कूल बेतियाहात और चरगावा, सेंट जेवियर्स स्कूल आजाद चौक, माउंट लिट्रा जी पब्लिक स्कूल, जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, अभ्युदय पब्लिक स्कूल, बेला पब्लिक स्कूल, आत्मदीप पब्लिक स्कूल समेत कई स्कूलों से 750 से अधिक छात्रों एवं शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

इन फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

फिल्मों के प्रदर्शन की श्रृंखला में माइक हरगोविंद पाण्डेय द्वारा धरती की पुकार सिरीज की फिल्म वेटलैंड, मानव-वन्यजीव संघर्ष, लद्दाख पर फिल्म प्रदर्शित की गई। नगर निगम की तकिया घाट नाला की प्राकृतिक विधि से जलशोधन की फिल्म भी प्रदर्शित हुई। शनिवार को 12 बजे से 02 बजे के मध्य काजीरंगा नेशनल पार्क, माइग्रेशन और गिर नेशनल पार्क पर फिल्मों का प्रदर्शन होगा। सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) एम्बेसडर सेंटपाल स्कूल के निदेशक अमरीश चंद्रा की फिल्म बुढ़िया माता मंदिर प्रदर्शित की गई। वे स्वयं भी फिल्मोत्सव में मौजूद रहे। बताया कि शनिवार की सुबह बुढ़िया माता मंदिर परिसर में जनसहयोग से स्वच्छता अभियान 11 बजे आयोजित होगा।

पक्षियों की प्रदर्शनी देख उत्साहित हुए छात्र

हेरिटेज वारियर्स के संयोजक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अनुपम अग्रवाल की फिल्मों की प्रदर्शनी देख सांसद रवि किशन शुक्ला, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने हर्ष व्यक्त किया। स्कूली छात्रों ने प्रदर्शित 56 पक्षियों की तस्वीर देखी। बेला पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल शिवम बथवाल, गोरखपुर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल पूजा मिश्रा, वुडलैंड एकेडमी की प्रिंसिपल निवेदिता दुबे ने आयोजन की सराहना की।

प्रो (डॉ) गोविंद पाण्डेय को पृथ्वी मित्र सम्मान

पीआरडीएफ के चेयरमैन डॉ. रामचेत चौधरी को कालानमक धान की प्रजाति को नवजीवन देने और उनके संरक्षण, संवर्धन और किसानों तक उसका प्रसार करने के लिए पृथ्वी रत्न सम्मान प्रदान दिया। मदन मोहन मालवीय के आचार्य प्रख्यात पर्यावरणविद् प्रो (डॉ) गोविंद पाण्डेय को पृथ्वी मित्र सम्मान मिला। इसी कड़ी में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर शोधकर्ता डॉ साहिल महफूज भी सम्मानित हुए। डॉ महफूज ने मगरमच्छ, टाइगर के संरक्षण के लिए जीनोमिक्स समेत कई वनस्पतियों और ट्राइकोडर्मा के इस्तेमाल के फसलों के प्रभाव पर काम किया है।

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