Gorakhpur: फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने लोन की रकम लौटाने के लिए किया बेइज्जत, प्रताड़ना से तंग दलित ने दी जान
Gorakhpur News: परिवार के लोगों ने बताया, कोइल ने कहा था कि अभी उनके पास सिर्फ 200 रुपए ही हैं। वे कर्मचारियों को 200 रुपए भी दे रहे थे। लेकिन, कर्मचारी रुपए उनके मुंह पर फेंक कर बेइज्जत करने लगे।
Gorakhpur News: गोरखपुर जिले में पीपीगंज के एक दलित युवक ने फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि की दबंगई से आहत होकर आत्महत्या कर ली। 40 हजार रुपये के ऋण में सिर्फ एक किस्त बची थी। परिवार वालों ने इस बाबत पीपीगंज थाने में तहरीर तक कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्या है पूरा मामला?
ये घटना पीपीगंज इलाके के वार्ड नंबर- एक दलित बस्ती की है। परिवार के लोगों ने फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी घर पर चढ़कर लोगों को जलील कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, पीपीगंज के वार्ड नंबर- एक अंबेडकर नगर निवासी कोइल भारती (50 वर्ष) ने एक समूह से कुछ महीने पहले 40 हजार रुपए कर्ज लिया था। जिसकी वह हर महीने किस्त देते थे। आर्थिक तंगी की वजह से वह एक महीने की किस्त नहीं दे पाए। इस पर समूह के कर्मचारी कोइल के घर पहुंचकर रुपए जमा करने का दबाव बना रहे थे। इस कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान था।
बेइज्जती से आहत थे कोइल
परिवार के लोगों के अनुसार, कोइल ने कहा कि अभी उनके पास सिर्फ 200 रुपए ही हैं। वे कर्मचारियों को 200 रुपए भी दे रहे थे। लेकिन, कर्मचारी रुपए उनके मुंह पर फेंक कर बेइज्जत करने लगे। पीपीगंज थाना प्रभारी पीपी सिंह का कहना है कि, 'शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की वजह पता चल सकेगी'।
पत्नी ने शव लटकते देखा
कर्मचारियों के जाने के बाद परिवार के अन्य लोग अपने कामों में लग गए। करीब दो घंटे बाद कोइल की पत्नी इंद्रावती देवी जब कमरे में पहुंची तो वो गमछे से लटक रही थे। उन्होंने शोर मचाया तो बेटे बहू भी वहां पहुंच गए। सभी ने मिलकर कोइल को नीचे उतारा। इलाज के लिए डॉक्टर को भी बुलाया। लेकिन, डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।