Gorakhpur News: 1500 आंखों के कर्निया के दानवीरों का इंतजार, बनारस के भरोसे 28 लोगों ने देखी दुनिया
Gorakhpur News: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 700 मरीजों को कार्निया का इंतजार है। इतनी ही संख्या में मरीज एम्स में भी पंजीकृत हैं। इसके अलावा निजी चिकित्सालयों में भी बड़ी संख्या में कॉर्निया के मरीज पंजीकृत हैं।
Gorakhpur News: आंखों की कार्निया को दान करने को लेकर भले ही जागरूकता अभियान चलाया जाए लेकिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इसे लेकर उदासीनता ही दिखती है। गोरखपुर के एम्स और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 1500 से अधिक लोगों को आंखों की रोशनी के लिए कार्निया का इंतजार है। पिछले कुछ महीनों में 28 लोगों को कार्निया मिली भी है, वह वाराणसी को लायंस क्लब से। ऐसे में सवाल उठता है कि गोरखपुर में 10 हजार से अधिक सामाजिक संगठन सिर्फ रस्मी सामाजिक सेवा कर रहे हैं?
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में करीब 700 मरीजों को कार्निया का इंतजार है। इतनी ही संख्या में मरीज एम्स में भी पंजीकृत हैं। इसके अलावा निजी चिकित्सालयों में भी बड़ी संख्या में कॉर्निया के मरीज पंजीकृत हैं। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कार्निया प्रत्यारोपण और आई बैंक की शुरुआत वर्ष 2018 से हुई। पहली बार प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से छह कार्निया मिले। इसके बाद केजीएमयू से छह कार्निया मिले। जिले में भी तीन व्यक्तियों के निधन के बाद उनके परिजनों ने कार्निया दान किया था।
कुल 18 कॉर्निया गोरखपुर, लखनऊ और प्रयागराज से मिले। मेडिकल कॉलेज के नेत्ररोग विभाग द्वारा अब तक 46 मरीज का कार्निया लगाया जा चुका है। इसमें 28 मरीजों के लिए कार्निया बनारस से मिला है। विभागाध्यक्ष प्रो. रामयश यादव ने बताया कि तीनों मरीजों के लिए कार्निया बनारस से लाया गया। इसमें बनारस का लायंस क्लब मददगार बना है। इससे पहले पिछले डेढ़ महीने में कुल आठ मरीजों को कार्निया लग चुका है। सभी कार्नियस बनारस से ही मिले हैं।
इनकी आंखों को मिली रोशनी
पिछले दो साल में बनारस के लायंस क्लब की मदद से पूर्वी यूपी के 28 मरीजों को कॉर्निया लग चुका है। उनके जीवन में नई रोशनी आ गई है। बीते 10 दिन में ऐसे तीन मरीजों को कार्निया लगा है। इनमें दो महिलाएं और एक पुरुष है। बीते 10 दिन में तीन मरीजों को लगा कार्निया गुलरिहा के रहने वाली 31 वर्षीय संगीता को बाई आंख पूरी तरह खराब हो चुकी थी। उन्हें ल्यूकोमा था। देवरिया की रहने वाली 51 वर्षीय बिंदावती की दाई आंख खराब थी। वहीं, संतकबीर नगर के 52 वर्षीय आलोक कुमार राय की बाई आंख पूरी तरह खराब हो चुकी थी। तीनों मरीज को एक हफ्ते के अंदर कार्निया लगाया गया। यह ऑपरेशन विभागाध्यक्ष प्रो. रामयश यादव ने किया। कार्निया लगाने के बाद तीनों मरीज की जिंदगी में नई रोशनी लौट आई है।