Gorakhpur News: बेहद शार्मिला है इजरायल का जेब्रा, बार-बार चिड़ियाघर वालों को कर रहा निराश, पूरा मामला जानें
Gorakhpur News: टीमें जेब्रा के संपर्क में आती हैं। उसके साथ समय गुजारती हैं। लेकिन गोरखपुर लाने की कोशिशें नाकाम हो रही हैं।
Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में सभी प्रकार के जानवर देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पहुंच चुके हैं। जो कुछ बचे हैं उन्हें लाने का प्रयास चिड़ियाघर प्रशासन कर रहा है। इजरायल से लाए जाने वाले जेब्रा को लेकर चिड़ियाघर प्रशासन को बार-बार निराशा हाथ लगी है। टीमें जेब्रा के संपर्क में आती हैं। उसके साथ समय गुजारती हैं। लेकिन गोरखपुर लाने की कोशिशें नाकाम हो रही हैं। एक बार फिर चिड़ियाघर प्रशासन जेब्रा को लाने की कोशिशों में जुट गया है।
चिड़ियाघर के शुरूआत से ही इजराइल से यहां जेब्रा लाने की तैयारी चल रही है। दो साल पहले इजरायल से छह जेब्रा लाए गए थे, लेकिन एक जेब्रा की मौत 36 घंटे बाद ही हो गई। तीन से चार माह बाद दूसरे जेब्रा की मौत भगदड़ में हो गई। इसके बाद जेब्रा को गोरखपुर चिड़ियाघर लाने के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई। कमेटी ने जेब्रा के व्यवहार का अध्ययन कर उनसे दोस्ती करने का प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अब दूसरी बार चिड़ियाघर प्रशासन ने जेब्रा को लाने के लिए कमेटी बनाई है। चिड़ियाघर के निदेशक डॉ.मनोज कुमार शुक्ला का कहना है कि जेब्रा के पास जाते ही वे बाड़े में दौड़ने लगते हैं। कमेटी जेब्रा को लाने के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रही है।
शर्मिले जेब्रा के लिए बनेगा नया बाड़ा, शेर और टाइगर से दूर रहेंगे
चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से पहले चरण में में बनाई गई कमेटी में शामिल दो आईएफएस समेत विशेषज्ञों की टीम ने लखनऊ में जाकर जेब्रा के स्वभाव का अध्ययन किया। पता चला कि शर्मीले स्वभाव का यह वन्यजीव 100 मीटर दूर से ही इंसान को देखकर असहज हो जा रहा है। साथ ही इंसानों को देखने पर एकांतवास में चला जाता है। जेब्रा जैसे ही बाड़े में इंसान को देखते, तेज दौड़ लगाने लगते। इसकी वजह से वह आपस में या फिर बाड़े में लड़ जाते। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी चिड़ियाघार डॉ. योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि जेब्रा बहुत संवेदनशील वन्यजीव है। ये हल्की आहट या हलचल से चौकन्ने हो जाते हैं और बाड़े में ही दौड़ने लगते हैं। इनकी हरकतों को देखते हुए इनके बाड़े में फिर से बदलाव किया गया है। इनके रहन-सहन के हिसाब से ही नया बाड़ा बनाया गया है। इनका बाड़ा अब शेर और टाइगर से दूर बनाया गया है।