Gorakhpur News: करोड़ों का उधारी कपड़ा लेकर गायब हुए व्यापारी, अब चौराहों पर लगेगी बकाएदारों की लिस्ट

Gorakhpur News: गोरखपुर में थोक कपड़ा कारोबारियों ने उधारी लेकर गायब होने वाले व्यापारियों के खिलाफ एक्शन लेने का नया तरीका निकाला है। अब उन व्यापारियों के नाम चौराहों पर चस्पा किए जाएंगे।

Update: 2024-04-21 14:21 GMT

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में थोक कपड़ा कारोबारियों ने उधारी को लेकर नया तरीका तलाशा है। करोड़ों रुपये के उधार के कपड़े लेकर गायब व्यापारियों की सूची शहर के प्रमुख चौराहों से लेकर सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने का निर्णय हुआ है। ऐसे में अब उधार पर कपड़ा लेकर गायब हो जाने वाले व्यापारियों की सूची प्रकाशित की जाएगी।

बकाया राशि न देने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई

इसके लिए चैंबर आफ टेक्सटाइल्स ने कपड़ा व्यापारियों से इसकी सूची मांगी है। सूची में व्यापारी के फर्म का नाम, व्यापारी का नाम, पता और बकाया राशि की पूरी सूचना रहेगी। इसके बाद भी बकाया न जमा होने पर संगठन ने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। चैंबर आफ टेक्सटाइल्स के अध्यक्ष राजेश नेभानी ने कहा कि कपड़ा व्यापारी उधार पर टिका है। दूर-दराज से आए व्यापारी उधार पर कपड़ा लेकर जाते हैं और इसे बेचकर उधार चुकता करते हैं। यह हमेशा से होता आया है, लेकिन अब कई व्यापारी कपड़ा तो उधार ले जा रहे हैं लेकिन समय से रुपये वापस नहीं कर रहे हैं।

सूची की मदद से उधार का पता चलेगा

इसके साथ ही उधार लेने के बाद वह दुकान भी छोड़ दे रहे हैं। जिस दुकान से उधारी ली है उसे छोड़कर दूसरे दुकान से कपड़े खरीदने लगते हैं। फिर इन दुकानों पर भी उधार लगाकर तीसरे दुकानदार से कपड़ा लेने लगते हैं। व्यापारियों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि जिसे वह उधार दे रहे हैं वह किसी दूसरे दुकान पर उधार लगाकर गायब है। सूची बनने से पता चलेगा कि एक व्यापारी कितनी दुकानों पर उधार लगाकर बैठा है। इससे व्यापारियों को तो जानकारी होगी ही, उन व्यापारियों का नाम भी सामने आएगा जो इस तरह के कार्यों में लिप्त हैं।

सूची वाणिज्यकर अधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए देंगे

राजेश नेभानी ने आगे कहा कि सभी व्यापारी अपने लेटर पैड पर उधार लगाने वाले व्यापारी की पूरी जानकारी देंगे। यह लेटर पैड राधे सिंथेटिक दीवान दयाराम में जमा होगी। सूची संबंधित जिलों के वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों को भी सौंपी जाएगी ताकि उन्हें भी पता चल सके कि कपड़ा व्यापारी कितने रुपये का उधार दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि कपड़ा व्यापारियों के करोड़ों रुपये बाजार में फंसे हैं।

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